Teacher Recruitment Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों की एक टीम ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों-पार्थ चटर्जी और परेश अधिकारी के घरों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान ईडी ने करीब 20 करोड़ रुपये की बड़ी रकम बरामद की है। अर्पिता मुखर्जी जो बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी हैं, के घर से 20 करोड़ रुपये मिले हैं।
ममता के मंत्रियों के घर छापे मारी
ED के एक सूत्र ने जानकारी दी कि ईडी के कम से कम सात से आठ अधिकारी सुबह लगभग साढ़े आठ बजे पार्थ चटर्जी के आवास नकतला पहुंचे और दोपहर 11 बजे तक छापेमारी की। इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कर्मी बाहर तैनात रहे। सूत्र ने बताया कि एजेंसी के अधिकारियों की एक अन्य टीम कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में अधिकारी के घर पहुंची और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की। ईडी के सूत्र के मुताबिक, अधिकारियों ने शहर के जादवपुर इलाके में स्थित पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के आवास पर भी छापेमारी की।
चटर्जी की करीबी के घर से मिला भारी कैश
शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित छापेमारी के दौरान ईडी ने करीब 20 करोड़ रुपये की बड़ी रकम बरामद की है। इस दौरान बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये कैश मिला है। माना जा रहा है कि ये कैश एसएससी घोटाले हुई कमाई से जुड़ा हो सकता है। इतनी भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद कैश काउंट करने के लिए सर्च टीम बैंक अधिकारियों की मदद ले रही है। ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के परिसरों से 20 से ज्यादा मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं, जिसके उद्देश्य और उपयोग का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा, घोटाले से जुड़े दूसरे आरोपियों के परिसरों से कई अन्य दस्तावेज, रिकॉर्ड, संदिग्ध कंपनियों का विवरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद किया गया है।
पार्थ चटर्जी के कार्यकाल में हुआ था घोटाला
अभी उद्योग और वाणिज्य मंत्री पद पर काबिज पार्थ चटर्जी उस समय शिक्षा मंत्री थे, जब कथित घोटाला हुआ था। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार पूछताछ 25 अप्रैल, जबकि दूसरी बार 18 मई को की गई थी। सीबीआई पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री अधिकारी से भी पूछताछ कर चुकी है। गौरतलब है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) हाईकोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ‘सी’ और ‘डी’ के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है।