रायपुर। कुछ दिनों पूर्व राज्य के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने एक समझौता डिजिटल युनिवर्सिटी ऑफ़ स्किल रिसजेंस (DUSR) के साथ किया था
यह एक ऐसा विश्वविद्यालय है जो न तो युजीसी के सूची में विश्विद्यालय के रूप में सूचीबद्ध है और न ही इसे किसी तरह के डिग्री प्रदान करने का अधिकार है।
युजीसी ने अपने जारी किये पब्लिक नोटिस में इस बात की जानकरी देते हुए यह भी कहा है कि DUSR न तो धारा 2 (एफ) या धारा 3 के तहत विश्वविद्यालयों की सूची में सूचीबद्ध है और न ही इसे यूजीसी अधिनियम 1956 की धारा 22 के अनुसार कोई डिग्री प्रदान करने का अधिकार है।
युजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने आम जनता, विद्यार्थियों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों को सार्वजनिक सूचना के माध्यम से आगाह किया है कि वे इस स्वयंभू संस्थान में प्रवेश न लें।
दरअसल, यूजीसी को यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल रिसजेंस (ए वर्चुअल मेटा यूनिवर्सिटी) के बारे में शिकायतें मिली थीं कि यह संस्थान छात्रों को प्रवेश देकर कई पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है।
यह भी ज्ञात हो कि कुछ दिनों पूर्व इस समझौते को लेकर राज्य के तमाम बड़े अखबारों में इसकी खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी।
अब जब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से इस मामले को लेकर पब्लिक नोटिस जारी करते हुए जो जानकारी दी गई है। तो अब देखना ये होगा कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय इस मामले को लेकर क्या कदम उठाता है।