बिलासपुर जिले के थैलेसीमिया बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए सिंधी पंचायत भवन में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था।जिसमें बेंगलुरु के सुप्रसिद्ध हीमोटोलॉजिस्ट डॉ. सुनील भट ने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चो और उनके परिजनों से रूबरू हुए। इस दौरान मरीजों के देख रेख सहित उनके इलाज को लेकर अहम जानकारी उन्हें दी गई। आपको बता दे उक्त शिविर का आयोजन एकता ब्लड सेंटर थैलासीमिया सोसायटी बिलासपुर,जज़्बा एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी बिलासपुर, श्री कृष्णा सिंधु चैरिटेबल ट्रस्ट रायपुर के सयुक्त तत्वाधान में किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य थैलेसीमिया बच्चो को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के जरिए इस बिमारी से छुटकारा दिलाना है।इस दौरान हीमोटोलॉजिस्ट डॉ. सुनील भट ने बताया की विशेष रोग पीडि़तों के लिए एचएलए जांच भविष्य के लिए सेतु का काम करता है। कारण यह है कि जांच परिणाम सामने आने के बाद सरकारी सहयोग से मरीज को बॉर्न मेरो बदलने की सुविधा मिल जाती है।चूंकि आम तौर पर पांच हजार से अधिक लागत में होने वाली जांच को लेकर आर्थिक तंगी वाला परिवार इस सुविधा से वंचित रह जाता है।लोगों की इसी समस्या को देखते हुए अलग अलग संगठनों ने जिले के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का एचएलए जांच के लिए निशुल्क शिविर लगाया।जहां 65 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का निशुल्क चेकअप कर एचएलए जांच सैंपल कलेक्ट किए गए।45 दिनों बाद रिपोर्टर आने के बाद यह तय हो सकेगा की किन बच्चों का बोन मेरो ट्रांसप्लांट कर उन्हें इस अनुवांशिक बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सकता है..