जिले भर के शासकीय स्कूलों में उस समय हड़कंप मच गया जब बड़ी संख्या में स्कूल पहुंचे विद्यार्थियों को यह पता चला कि स्कूल बंद है,,और जितने टीचर हैं वह सभी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है।हालांकि स्कूल बंद देख कुछ विद्यार्थी खुश हुए तो वहीं इनमें पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थी काफी हताश हुए।विद्यार्थियों का कहना है कि एक तो कोरोना काल के समय से स्कूल वैसे भी बंद था।ऑनलाइन पढ़ाई से सबसे ज्यादा प्रभावित बोर्ड क्लास के विद्यार्थी हुए।जब स्कूल खुला तो विद्यार्थियों को लगा कि अब उनके अंधकार भविष्य में जरूर शिक्षा का उजाला आएगा।लेकिन अब हड़ताल से स्थिति पहले की तरह निर्मित हो गई है।विद्यार्थियों का कहना है शासकीय स्कूलों में वैसे भी पढ़ाई नहीं होता है उस पर कुछ शिक्षक हमेशा हड़ताल जैसे अवसर खोजते रहते हैं।जिस तरह से अपने स्वार्थ के लिए शासकीय शिक्षक स्कूल बंद करके हड़ताल पर चले गए है,,उससे निश्चित ही ना केवल ऐसे विद्यार्थियों का भविष्य खराब होगा,,बल्कि शासन प्रशासन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जाने वाले लाख दावे भी फिसड्डी साबित हो रहे है।विद्यार्थियों के अनुसार स्कूल लगभग हड़ताल तक यानी कि 30 जुलाई तक बन्द रहेंगे।इतना ही नही हड़ताल के चलते ही शिक्षा विभाग समेत समस्त विभाग बन्द रहे,,बन्द कार्यालयों को देख कर यही लग रहा था कि मानो आंदोलनकारियों को अधिकारियों का भी भरपूर समर्थन मिला।