रायपुर। राजधानी रायपुर में आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल द्वारा महिला से छेड़छाड़ के मामला में 2 सप्ताह बीत जाने के बाद भी उस पर मेहरबान पुलिस प्रशासन ने आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं कि, इस मामले की शिकायत पीड़ित महिला ने जिला कलेक्टर एवं IG रायपुर रेंज से की है परंतु उसके बाद भी गंज थाना प्रभारी हरकत में नहीं आए।
आपको बता दे कि अपर न्यायालय ने पिछले सप्ताह ही आरोपी आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज़ करते हुए पुलिस को तत्काल आरोपी की गिरफ़्तारी करने के निर्देश दिए है। साथ ही पीड़ित महिला का बयान समय पर दर्ज ना करने पर जांच अधिकारी को फटकार भी लगाई थी परंतु न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए नेता जी पर मेहेरबान पुलिसकर्मीयो ने गिरफ़्तारी के लिए ना ही नेता जी के कार्यालय दबिश दी ना उनके निवास पर।
ब्याजखोर आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव अग्रवाल ने 12 जुलाई को गुढ़ियारी निवासी 27 वर्षीय महिला के शरीर के विभिन्न हिस्सों को छूते हुए छेड़छाड़ की थी, जिसका विरोध करने पर महिला को जान से मारने तक कि धमकी इस नेता ने दे डाली और थाने को खरीद लेने की बात कहते हुए स्वयं को प्रभावशाली एवं सत्ताधारी पार्टी का विशेष व्यक्ति बताकर पुलिस में झूठी शिकायत करवा जेल भिजवाने की धमकी दी। इस मामले में गंज थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354,506 के तहत मामला दर्ज किया था।
पीड़ित महिला ने आज मंगलवार को गंज थाना प्रभारी आशीष यादव की शिकायत जिला कलेक्टर व IG रायपुर रेंज से की है।अब देखना यह होगा कि पुलिस के संरक्षण में उनकी नाक के नीचे बैठे आरोपी संजीव अग्रवाल की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस प्रयास करती भी है या नहीं?? पीड़ित महिला ने मीडिया से बातचीत पर कहा है कि अगर उक्त नेता की गिरफ़्तारी नहीं होती है तो वह राजधानी में यूं ही महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के कुकर्म ज़ारी रखेगा जिसका खामियाज़ा ये होगा कि भविष्य में आरोपी संजीव किसी बड़ी वारदात को अंजाम देगा जिसके बाद ही शायद सोती हुई पुलिस प्रशासन जागेगी और पीड़ितों को न्याय देगी।