Bemetara News : बेमेतरा जिले के साजा (saaja)विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम कन्दई (Kandai)में तहसीलदार विनोद बंजारे (Vinod Banjare)ने दो साल पहले ससुराल छोड़ कर अपने मायके गाँव कन्दई में रह रही एक महिला के पति गुजर जाने के बाद अपने दो बच्चों के साथ मानसिक ,आर्थिक आवासीय समस्याओं से जूझ रहे पीड़ित परिवार को बरसात से बचाने के लिए टिन सेड की अस्थायी आशियाना देकर एक मानवता की मिशाल रखी है। पीड़ित महिला लीलाबाई पाटिल उम्र 40 वर्ष गांव से शादी होकर बलौदाबाजार(Balodabazar) जिले के तिल्दा ब्लॉक अंर्तगत दरचुरा गांव के गौरीशंकर पाटिल (Gaurishankar Patil)के घर चली गई थी। जंहा से कुछ वर्ष पूर्व दो बच्चों व पति के साथ अपने मायके कन्दई लौट आयी। वहा बेटी की मानसिक बीमारी का ईलाज कराते हुए पिता स्वंय एक बीमारी से जूझता रहा। घर में बढ़ते कर्ज व स्वंय बीमारी से तंग आकर सालभर पूर्व आत्महत्या कर ली। ऐसे में परिवार में आर्थिक व मानसिक तनाव बढ़ गया। वे गांव में खाना पीना मांग कर गुजर बसर करते हुए झुग्गी झोपड़ी में रहने लगे। सरपंच व ग्रामीणों ने पिछले दिनों साजा तहसीलदार के दौर पर पीड़ित परिवार की समस्या से अवगत कराया। जिसके बाद बहरहाल पूरे जिले में तहसीलदार विनोद कुमार बंजारे (Vinod Kumar Banjare)की मानवता व सजगता का परिचय दिया है। जो कि पूरे जिले में एक चर्चा का विषय बना हुआ है।
also read : Travelling Tips : क्या आपभी जाना चाहते हैं विदेश यात्रा पर? कम बजट में कर रहे हैं ये देश आपका इंतजार
बरसों पूर्व मुखिया के गुजर जाने के बाद मानसिक व आर्थिक संकटों से जूझ रहे ग्राम कन्दई के गरीब परिवार पर साजा तहसीलदार की टीम ने दिखाई दरियादिली, झुग्गी-झोपड़ी के बजाए परिवार को मिला टिन का मज़बूत आशियाना, बरसात में पानी से सुरक्षित अस्थायी आवास पाकर पीड़ित परिवार ने किया तहसीलदार का शुक्रिया अदा। प्रशासन की टीम ने पूरे दिनभर में व्यवस्था कराकर पेश की मानवता की अनोखी मिसाल, सुर्खियों में चल रहा घटनाक्रम क्षेत्र के लिए बना प्रेरणास्रोत।