रायपुर। VIDHANSABHA BREAKING छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा शुरू हो गई है। जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर स्वीकृति के साथ ही बोलने की समय सीमा को लेकर काफी विवाद हुआ।सबसे पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चर्चा शुरू की। कुर्सी है तुम्हारी जनाज़ा तो नहीं ,कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते :- बृज मोहन अग्रवाल इस शायरी के साथ भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव की शुरुवात बृज मोहन अग्रवाल ने की। कवासी लखमा तत्काल बोले ये कवि सम्मेलन चल रहा है क्या? लोकसभा में संसदीय शब्दों का प्रयोग करने वाले सांसदों को बर्खास्त किया गया है यहां पर भी हैं ऐसा बोलने वाले यह चार लोग हैं। विस अध्यक्ष से मुखातिब होकर लखमा ने कहा आप ध्यान रखना उन पर भी कार्रवाई करें। बृज मोहन अग्रवाल बोले प्रशासन को शासन पर विश्वास नहीं है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है। हमसे पहले तो एक मंत्री ही अविश्वास प्रस्ताव ले आए। और उस मंत्री को हटाने का सरकार में दम नहीं है। 18 लाख लोगो के सिर से छत छीन ली जाए, इससे बड़ा अविश्वास कोई नहीं है। मंत्रियों के निर्णयों की समीक्षा चीफ सेक्रेटरी करें, ये कैसी सरकार है।
बृज मोहन अग्रवाल ने कहा बोलना रोक देता हूं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बोलने की समय सीमा के पालन कराने की मांग की, मुख्यमंत्री ने भी सदन में उठ कर समय सीमा के पालन की बात कही। समय सीमा में बात हो इस बात को लेकर 20 मिनट चर्चा हुई। सत्तापक्ष के सदस्यों ने व्यंग्य किया जितने विधायक है उतना समय मिला है। शिव डहरिया बोले 14 विधायक इनको दिया है तो समय कम होगा ही ।
बृजमोहन बोले मैं 6 बार का विधायक हूँ कई बार अविश्वास प्रस्ताव देख चुका हूं, पहली बार देख रहा हूं कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को रोका नहीं गया, पहली बार ऐसा नजारा देख रहा हूँ। पहली बार मैं भी देख रहा हूं अविश्वास प्रस्ताव में नही रोका जाता। ननकीराम उस समय से विधायक है जब कई मंत्री बने लोग उस समय तो पैदा हुए होंगे आज उनको बोलने से रोक रहे है। पहली बार ऐसा देख रहा हूं। समय सीमा को लेकर विवाद और तीखी नोक झोंक विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद खत्म हुई। बृजमोहन ने सदन में तंज किया और कहा कि हम को मालूम है कि हमारे अविश्वास प्रस्ताव का हस्र क्या होगा लेकिन हम को विश्वास है कि ये अविश्वास प्रस्ताव सरकार के ताबूत की आखरी कील होगी।