रायपुर। VIDHANSABHA BREAKING छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज अनियमित,संविदा, और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला जोर शोर से गूंजा। सरकार ने इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की जानकारी देते हुए जल्द ही नियमित करने की जानकारी दी। विपक्ष इसकी निश्चित अवधि जानना चाहते थे परंतु सत्ता पक्ष ने यह जानकारी देने में असमर्थता जताई जिससे विपक्ष नाराज होकर सदन में नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे जिसे देखते हुए स्पीकर चरणदास (Speaker Charandas) में ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल में भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन (MLA Vidyaratan Bhasin) की अनुपस्थिति में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक (Leader of Opposition Dharam Lal Kaushik) ने यह मामला उठाते हुए पूछा कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सालों से नियमित क्यों नहीं किया गया है इसके लिए क्या प्रक्रिया चल रही है और कब तक इनका नियमितीकरण हो जायेगा। जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है जिसकी एक बैठक हो चुकी है, विधि विभाग से इसके लिए अभिमत मांगा गया है। इसके अलावा सभी विभागों से अनियमित, संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी मांगी।
मुख्यमंत्री के जवाब पर अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा ने कहा कि जब 2019 में कमेटी बनाई गई और जनवरी 2020 में कमेटी ने अनुशंसा की तो ढाई साल तक इस पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई। विपक्ष ने इस बात पर हंगामा किया कि सरकार अपने घोषणा पत्र पर क्रियान्वयन नहीं कर रही। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी-से-जल्दी इसकी जानकारी एकत्र कर कार्यवाही करने की कोशिश की जाएगी। सीएम ने कहा कि विधि विधायी विभाग से अभिमत भी यथाशीध्र प्राप्त करने के लिए वे अधिकारियों को निर्देश देंगे।
सीएम ने कहा कि घोषणा पत्र में जो बातें कहीं गई है, उसका निश्चित तौर पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संविदा और अनियमित, दैवेभो कर्मियों को रेगुलर करने प्रमुख सचिव विधि विधाई, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव वित्त, सचिव पंचायत और सचिव आदिम जाति को की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी की अनुशंसा थी कि विभागों से डिटेल मंगाया जाए और विधि विधायी विभाग से अभिमत लिया जाए।