रायपुर। बाल आश्रम राष्ट्रीय विद्यालय मैं अंतः वासी 80 छात्रों को राजे महंत राम सुंदर दास के कर कमलों से चरण पादुका गणवेश और पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया. इस अवसर पर बाल आश्रम राष्ट्रीय विद्यालय समिति अध्यक्ष अजय तिवारी सचिव रूपचंद माल वरिष्ठ सदस्य गोकुलदास डागा मदन तालेड़ा अनिल चंद्राकर कोषाध्यक्ष राज किशोर नथानी शशि प्रभा अनीता दानी सुरेश शुक्ल इत्यादि की विशेष उपस्थिति रही.
आयोजन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजे महंत राम सुंदर दास अध्यक्ष छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग ने कहा कि सन 1924 में संस्था की स्थापना महंत लक्ष्मीनारायण दास पंडित रविशंकर शुक्ल महंत वैष्णव दास नेमीचंद डागा परिवार नथानी परिवार के संयुक्त योगदान से की गई थी. तब से लेकर अब तक पूर्वजों के आरोपी बीज को निरंतर विकास और प्रगति में बढ़ाया जा रहा है. उनका कहना था कि रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास ने सबसे ज्यादा महत्व सेवा की भावना को दिया है. उन्होंने बताया कि इस दुनिया में सेवा कार्य सबसे कठिन कार्य है बाल आश्रम के अंत वासी 80 छात्रों को आह्वान करते हुए महंत रामसुंदर दास ने कहा कि वे पढ़ लिखकर भारतवर्ष के सर्व श्रेष्ठ नागरिक बने उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में माता-पिता की अपेक्षा रहती है.
उनके सुपुत्र जल्दी से पढ़ लिखकर सहारा बनने के लिए तैयार हो जाएं आयोजन में संस्था के अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि बाल आश्रम जिन महान पुरुषों की योगदान से स्थापित हुआ है उनके सार्थक उद्देश्य को बढ़ाने में संस्था काम कर रही है उनका कहना था कि बाल आश्रम पहला नाम हिंदू अनाथालय था जिसमें एक बालक और एक बालिका से शुरुआत हुई थी आने वाले दिनों में इस संस्था में अत्याधुनिक विकास कर राजकुमार कॉलेज की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।