रायपुर। CG BIG NEWS छत्तीसगढ़ में पांच दिन तक कलम बंद हड़ताल (Kalam band hadtal ) के बाद भी शासन की ओर से महंगाई भत्ता देने के संबंध में कोई पहल नहीं होने पर अब कर्मचारी संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल (employees union indefinite strike) पर जाने की तैयारी में हैं। इसकी रणनीति बनाने के लिए रविवार को सभी 88 संगठनों के प्रांताध्यक्ष की रविवार को बैठक है। इस बैठक में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तारीख तय की जाएगी।
बढ़ेगी लोगों की परेशानी
पांच दिन की हड़ताल में पहले ही सरकारी कामकाज ठप रहा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यदि कर्मचारी संगठन अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे तो लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। स्कूली बच्चों की पढ़ाई में भी नुकसान होगा, क्योंकि शिक्षक संघ का एक धड़ा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए अड़ गया है। दूसरे संगठन भी विचार कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर शासन के खिलाफ नाराजगी
छत्तीसगढ़ बनने के बाद यह पहला मौका था, जब राजपत्रित अधिकारी भी हड़ताल पर रहे। इंद्रावती भवन में तो पांच दिनों के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक सभी हड़ताल में शामिल हुए। इसके बाद हड़ताल के अंतिम दिन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई के संबंध में पत्र जारी करने पर अब कर्मचारियों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर शासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए कर्मचारियों का दबाव अपने संगठनों पर बढ़ रहा है।
चौथा चरण हमारा अनिश्चितकालीन आंदोलन
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने सरकार के रूख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगला चरण हमारा अनिश्चितकालीन होगा। उन्होंने कहा कि -“हमने चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया था, तीसरा चरण पांच दिवसीय आंदोलन का था, हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है, हमारे आंदोलन के तीसरे चरण का बस समापन हुआ है। चौथा चरण हमारा अनिश्चितकालीन आंदोलन का है, जिसकी तारीख हम कल तय करेंगे। हम 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल में जा सकते हैं”
आपको बता दें कि केंद्र से समान महंगाई भत्ता और सांतवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा भत्ता को लेकर प्रदेश के लाखों कर्मचारी आक्रोशित हैं। 5 दिन के इस हड़ताल के दौरान सरकार ने वार्ता के लिए कर्मचारी संगठनों को नहीं बुलाया, जिसके बाद कर्मचारियों की निराशा ज्यादा बढ़ गयी है। ऐसे में कर्मचारी संगठन अब लगातार अनिश्चितकालीन हड़ताल की मांग कर रहे हैं