शैलदेवी महाविद्यालय अंडा दुर्ग में मुंशी प्रेमचंद जयंती मनाई गई। जिसका विषय “ग्रामीण जीवन की झलक” (मुंशी प्रेमचंद के उपन्यासों में) । इस प्रेमचंद जयंती के अवसर पर चेयरमैन श्री राजन कुमार दुबे शैलदेवी महाविद्यालय, अंडा,दुर्ग उपस्थित हुए। चेयरमैन महोदय ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यासों में ग्रामीण परिवेश को बहुत ही सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है उन्होंने कहा आगे कहा कि प्रेमचंद साहित्य की वैचारिक यात्रा आदर्श से यथार्थ की ओर उन्मुख है उपन्यास सम्राट प्रेमचंद अपने साहित्य में ग्रामीण जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों को चित्रित करने के बावजूद मानवीयता की अलग को जगाए रखने में समर्थ थे। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती पर अपने अपने–अपने विचार प्रस्तुत किए। जिसमें b.Ed के विद्यार्थी
अमन देशमुख, हेमलता साहू, चंद्रप्रभा दिल्लीवार, सुमन साहू आदि प्रमुख थे। इस अवसर पर मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन पर एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम की भी रखा गया जिसमें मुंशी जी के जीवन दर्शन के संदर्भ में अनेक सारगर्भित प्रश्नों के माध्यम से संपूर्ण जीवन चरित्र को जानने का प्रयत्न किया गया। मुंशी जी का संपूर्ण जीवन दर्शन उनके उपन्यासों व कहानियों के माध्यम से समाज में परिलक्षित होता है। मुंशी प्रेमचंद जी उर्दू व हिंदी के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यास व कहानीकार थे। उनकी कहानियों में जीवन की सीख मिलती है जो सामाजिक दायित्वों को समझने में सहायक होती है। इस कार्यक्रम में हिंदी विभाग से श्री दुष्यंत साहू व सहायक प्राध्यापक होलेश्वर कुमार देशमुख व समाजशास्त्र से कल्पना साहू तथा शिक्षा विभाग से श्रीमती मनीषा वर्मा व रंजना सोलंकी उपस्थित हुए एवं अन्य विभागों से भी सहायक प्राध्यापक गण भी उपस्थित हुए। जिसमें शिक्षा संकाय से डॉक्टर रजनी राय ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की कहानियां जीवन के यथार्थ सच्चाई को व्यक्त करती है जो हमें वास्तविक जीवन जीने को सदैव प्रेरित करती रहेगी। अंत में दुष्यंत साहू जी ने अपने वक्तव्य के माध्यम से परिचर्चा को सार्थक रूप प्रदान करने का प्रयत्न किया। कार्यक्रम समाप्ति पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्री होलेश्वर कुमार देशमुख जी ने कहा मुंशी प्रेमचंद के रचनाओं जैसे कफन, गोदान, पूस की रात आदि के माध्यम से जीवन की वास्तविक सच्चाई ज्ञात होती है जो हमें सदैव एक आदर्श जीवन जीने को प्रेरित करती रहेगी।