शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के ऊपर एक महिला ने मंगलवार को सैंडल फेंकी। यह घटना उस वक्त हुई जब पार्थ चटर्जी को मंगलवार दोपहर में ईडी की कस्टडी में रूटीन चेकअप के लिए ईएसआई हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक चटर्जी कार में बैठ चुके थे और कार का शीशा चढ़ाया जा चुका था, तभी यह सैंडल कार की पिछली खिड़की से आकर टकराई। सैंडल फेंकने वाली महिला की पहचान शुभ्रा गौरी के रूप में हुई है। वह दक्षिणी 24 परगना जिले के अमताला की रहने वाली है, जहां यह ईएसआई अस्पताल स्थित है।
रिश्तेदार के लिए लेने आई थी दवा
महिला के मुताबिक वह अपने रिश्तेदार के लिए दवा लेने आई थी। इसी दौरान वहां पहुंचे पार्थ चटर्जी को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता देख उसे गुस्सा आ गया। महिला ने कहा कि एक ऐसा इंसान जिसने हजारों लोगों को धोखा देकर करोड़ों की प्रॉपर्टी और सोना खरीदा उसे एसी कार में अस्पताल में लाया जा रहा है? उसे तो गले में रस्सी बांधकर रास्ते भर घसीटते हुए लेकर आना चाहिए। महिला ने मौके पर मौजूद पत्रकारों से कहा कि मुझे इस बात की हैरानी है कि आप मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने उसके ऊपर सैंडल क्यों फेंका? मेरा तो मन था कि मेरी सैंडल उसके सिर पर जाकर लगती।
पहली बार दिखा आम आदमी का गुस्सा
वहीं इस घटना के बाद मचे हंगामे के बीच गौरी की दूसरी सैंडल भी वहां खो गई और वह वहां से पैदल ही घर चली गई। हालांकि भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने पार्थ चटर्जी को सजा दिए जाने की मांग करते हुए कई जुलूस निकाले हैं। लेकिन यह पहली बार है जब इस मामले में किसी आम आदमी का गुस्सा सार्वजनिक तौर पर देखने को मिला है। गौरी ने कहा कि मैं अब नंगे पांव ही घर जा रही हूं। मेरा तो मन था कि दोनों सैंडलों से उसे मारती। इस दौरान वहां मौजूद पुलिस ने गौरी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं कि क्योंकि उसकी इस हरकत से किसी को चोट नहीं लगी थी।
हाई कोर्ट ने जांच का दिया है आदेश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2014 से 2021 के बीच टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों पर हुई सैकड़ों भर्तियों में अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया है। यह भर्तियां पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा की गई थीं। वहीं ईडी ने मनी लांड्रिंग के आरोपों पर समानांतर जांच शुरू कर दी है। चटर्जी ने 31 जुलाई को रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल ले जाए जाते वक्त दावा किया था कि उनके पास आय का कोई साधन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी करीबी अर्पिता के घर से बरामद 50 करोड़ रुपए उनके नहीं है।
तीन अगस्त तक ईडी की कस्टडी में
अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी फिलहाल 3 अगस्त तक ईडी की कस्टडी में हैं। अर्पिता मुखर्जी को भी जांच के लिए मंगलवार को उसी ईएसआई अस्पताल में ले जाया गया था। अर्पिता का दावा है कि उनके घर से जो पैसे मिले थे, वह बिना उनकी जानकारी के रखे गए थे। उधर पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को उनके सभी मंत्रालयों से मुक्त कर दिया था। इसके अलावा उन्हें टीएमसी से भी सस्पेंड कर दिया गया था।