नई दिल्ली। भारतीय रेसलर रवि दाहिया ने 57 किलोग्राम भारवर्ग के फ्रीस्टाइल मेन्स इवेंट के फाइनल में नाइजीरिया के वेल्सन को हराकर देश के लिए गोल्ड मेडल जीता। ये रवि दाहिया का कामनवेल्थ गेम्स में पहला मेडल रहा। रवि दाहिया ने सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के असद अली को 12-4 के बड़े अंतर से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।
फाइनल मैच की बात करें तो रवि दाहिया का सामना नाइजीरिया के वेल्सन के साथ हुआ। पहले हाफ की शुरुआत में दाहिया पर वेल्सन ने अटैक किया, लेकिन रवि ने उसे काफी अच्छे तरीके से डिफेंड किया। इसके बाद वेल्सन ने फिर से लेग अटैक किया, लेकिन वो फिर से बच निकले। इसके बाद रवि ने कटरेंज के जरिए 8 अंक अर्जित कर लिया। इसके बाद रवि ने दो अंक लेकर 10-0 से जीतकर गोल्ड मेडल जीत लिया। यानी पहले हाफ के अंदर ही रवि ने विरोधी को चित करके मेडल जीत लिया। रवि दाहिया को इस मुकाबले में तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर विनर घोषित किया गया।
रवि दाहिया का रेसलिंग करियर, कामनवेल्थ गेम्स में पहली बार जीता पदक
24 साल के रवि दाहिया का जन्म 12 दिसंबर 1997 के दिन सोनीपत, हरियाणा में हुआ था। 5 फुट 7 इंच लंबे रवि फ्रीस्टाइल रेसलर हैं जो भारत का प्रतिनिधित्व 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में करते हैं। रवि ने 10 साल की उम्र से ही रेसलिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2015 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने दिखा दिया था कि उनमें कितनी क्षमता है। इसके बाद साल 2018 में वर्ल्ड अंडर-23 चैंपियनशिप में उन्होंने 57 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता था।
रवि दाहिया ने अब तक के अपने रेसलिंग करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि टोक्यो ओलिंपिक में हासिल की थी और 57 किलोग्राम कुश्ती इवेंट में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। उनकी अन्य उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में इसी भारवर्ग में ब्रान्ज मेडल जीता था। रवि दाहिया के नाम पर एशियन चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल दर्ज हैं। उन्होंने इस चैंपियनशिप में तीन बार लगातार 2020, 2021 और 2022 में गोल्ड मेडल जीता था। वहीं उन्होंने कामनवेल्थ गेम्स में पहली बार पदक जीतने में कामयाबी पाई।