रायपुर। CG NEWS वर्ष अगस्त 2020 में राज्य चिकित्सा परिषद (state medical council) के द्वारा चिकित्सक के पंजीयन को अनिश्चितकालीन से बिना कारण बताये सस्पेंड कर दिया गया था, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा अतिक्रमित कर पुनः नियम अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉक्टर वरुण तमराकर ने किर्गिस्थान से चिकित्सा में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर डिग्री प्राप्त की थी, जिसके बाद उनके द्वारा राष्ट्रीय मेडिकल कमिशन ( पूर्व एम॰सी॰आई॰) द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग टेस्ट में सफल होने के पश्चात्, छत्तीसगढ़ राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा चिकित्सीय स्नातक के रूप में पंजीकृत किया गया। डॉक्टर तमरकर द्वारा उक्त डिग्री के आधार पर चिकित्सीय कार्य किया जाता रहा । कुछ वर्ष पश्चात उनके द्वारा उरोलोजि में एम॰एस॰ की पढ़ाई Ukraine से की गयी तथा उक्त विधा में पारंगत हुए।
राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा एक शिकायत के आधार पर डॉक्टर तमराकर को अपने नाम के समक्ष urologist & andrologist लिखे जाने के सम्बंध में corona संक्रमण काल में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, तथा Whats up में सुनवाई करने हेतु दबाव डाला गया। डॉक्टर तमराकर द्वारा समय माँगे जाने पर भी एक तरफ़ा सुनवाई कर डॉक्टर का पंजीयन अनिश्चितक़ालीन के लिए निलम्बित कर दिया गया। साथ ही साथ एम॰सी॰आई॰ को पोस्ट ग्रैजूएट डिग्री के सम्बंध में उचित निर्देश जारी करने हेतु प्रेषित किया गया।
याचिकाकरता द्वारा उक्त निलम्बन आदेश के विरुद्ध याचिका दायर कर बतलाया गया कि एम॰सी॰आई॰ द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्री होने के बावजूद बिना सुनवाई के अवसर दिए निलम्बन का आदेश असंवैधानिक तथा ग़ैरकानूनी है। व्यावसायिक द्वंदता के कारण कतिपय चिकित्सकों द्वारा झूठी शिकायत की गयी है। योग्य तथा पंजीकृत चिकित्सक होने के बावजूद किसी विशिष्ट विधा में प्रैक्टिस पर प्रतिबंध नहीं होने से सर्जरी का कार्य करने में कोई क़ानूनी अड़चन नहीं है, फिर भी परिषद द्वारा पंजीयन निलम्बित किया गया।
न्यायालय द्वारा याची के तर्क से सहमत होते हुए यह अवधारित किया गया कि परिषद द्वारा चिकित्सक का पक्ष नहीं सुना गया तथा निलम्बन की कार्यवाही नियमानुसार नहीं पायी गयी। परिषद को 45 दिनो में डॉक्टर तमराकर के प्रकरण में चिकित्सीय व्यावसायिक आचरण शिष्टाचार और नैतिकता विनियम, 2002 के अनुसार कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है तथा MBBS की डिग्री होने के बावजूद अनिश्तकलिन समय के लिए निलम्बन की कार्यवाही को बिना कोई उचित कारण का बतलाया है ।