रक्षा बंधन( raksha bandhan) का पर्व 11 अगस्त, दिन गुरुवार को पड़ रहा है। भाई-बहन( brother – sister)के प्यार के प्रतीक का ये त्यौहार देश के विभिन्न हिस्सों में बड़ी विधि वत व धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपनी कलाई रक्षा सूत्र बांधती है और उनकी लंबी आयु के साथ-साथ उनकी सफलता( success) व तरक्की की कामना करते हैं। तो वही राखी का पर्व जैसा ही नजदीक आता है, महिलाएं, लड़कियां आदि सब अपने भाईयों के लिए सुंदर से सुंदर राीखी की तलाश में लग जाती है।
इन राखियों को बनाने में कई तरह की आर्टिफिशियल चीज़ों का इस्तेमाल होता जो देखने में तो अच्छा माना जाता है परंतु वास्तु शास्त्र के अनुसार राखी में किसी प्रकार की आर्टिफिशियल चीज़ नहीं बल्कि इसमें हमेशा नेचुरल वस्तुएं यूज होनी चाहिए।
काले रंग की राखी न खरीदें( black color)
वास्तु शास्त्री बताते हैं कि ऐसे में केवल इस बात का ध्यान रखना आवश्यक होता है कि काले रंग की राखी न खरीदें। वास्तु के अनुसार भाई की कलाई पर काले रंग की राखी बांधना बिल्कुल अच्छा नहीं होता। कलाई पर लाल, पीली और नारंगी रंग की राखियों को सबसे शुभ माना गया है।
राखी( rakhi)बांधते समय हमेशा उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में बैठना चाहिए
राखी ( rakhi)बांधते समय भी कई खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि राखी बांधते समय हमेशा उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में बैठना चाहिए, माना जाता है कि इससे रिश्ते और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। तो वहीं पश्चिम दिशा में बैठकर राखी नहीं बंधवानी चाहिए, इससे शुभ नही माना जाता।
शुभ मुहूर्त ( subh muhrat)
रक्षाबंधन का प्रदोष काल का मुहूर्त 11 अगस्त 2022 को रात्रि 08 बजकर 52 मिनट से रात्रि 09 बजकर 20 मिनट तक है. ये समय भी राखी बांधने के लिए उपयुक्त है. भद्राकाल 11 अगस्त, गुरुवार को सुबह 9:35 बजे से आरंभ होकर रात्रि 8:25 बजे तक रहेगा. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि भद्रा पाताल में होने के कारण इसका दोष नहीं लगेगा।