रेवड़ी कल्चर को लेकर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट का कहना है कि इस कल्चर के चलते अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है। अदालत ने गुरुवार को कहा कि चुनावों के दौरान किए जाने वाले मुफ्त सुविधाओं के वादे “एक गंभीर मुद्दा” है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।
शीर्ष अदालत ने वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर के दौरान ये टिप्पणी की। याचिका में चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘मुफ्त’ का वादा करने वाले राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। याचिका में चुनाव घोषणापत्र को विनियमित करने के साथ-साथ उसमें किए गए वादों के लिए राजनीतिक दलों को जवाबदेह ठहराने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।
मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, “कोई यह नहीं कह रहा है कि यह मुद्दा नहीं है। यह एक गंभीर मुद्दा है। जिसे मिल रहा है वे चाहते हैं कि मिलता रहे, हम एक कल्याणकारी राज्य हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि वे टैक्स देते हैं और इसका इस्तेमाल विकास प्रक्रिया के लिए किया जाना चाहिए है। इसलिए यह एक गंभीर मुद्दा है। इसलिए दोनों पक्षों को समिति द्वारा सुना जाना है।