तीन दिनों से जारी भारी बारिश से आम जन जीवन प्रभावित रहा। तांदुला और शिवनाथ नदी के बढ़ते जल स्तर से कई गांव टापू में तब्दील हो गए , तो वहीं कई पुल पुलिया के डूब जाने से कई गांव जिला मुख्यालय से कटे रहे।
पानी के लिए तरस रहे किसानों के लिए बारिश खुशियां लेकर आई तो वहीं बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें भी बड़ा दी।दुर्ग जिले में भारी बारिश के बाद जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं। शिवनाथ नदी में तीन बैराज मोगरा, सूखा नाला, घूमरिया से 17100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसके कारण तांदुला और शिवनाथ नदी के जलस्तर को खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था। अधिक बारिश की वजह से निकुम आलबरस कोनारी मार्ग , निकुम , विनायकपुर अण्डा मार्ग एवं तिरगा झोला मार्ग बंद हो गया जिससे आसपास के गांव जिला मुख्यालय कट गए और त्योहार के सीजन में आम ग्रामीणों का भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। भरदा चंगोरी बगीचा में कुछ लोगों के फंसे होने की सुचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू के पश्चात बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। ये मजदूर शिवनाथ एवं आमनेर नदी के संगम स्थल पर निर्माणाधीन पुल पर कार्य कर रहे थे। पानी का स्तर बढ़ने के कारण तीनो ही मजदूर भयभीत होकर वहीं फंसे गए। जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला गया है। भारी बारिश से किसानों के धान की फसल डूब गए तो वहीं कई इलाकों में बिजली बंद रहा जिसे पूरा अमला ठीक करने में जुटा रहा। तांदुला नदी के जल स्तर बड़ने से आसापास के गांव चंगोरी , आलबरस, भरदा ,खाड़ा , रुद्रा , तिरगा , झोला, भोथली में पानी भर गया और गांव डूब गए। कई जगहों पर लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते नजर आए तो कई जगहों पर ग्रामीणों ने नदी पार कराने के लिए पैसे लेकर लोगों को और उनके मोटर साइकिल को भी स्वयं जान जोखिम में डाल कर पार कराते रहे।