हर साल 12 अगस्त का दिन दुनियाभर में विश्व हाथी दिवस (World Elephant Day) के तौर पर मनाया जाता है। हाथी धरती पर पाया जाने वाला सबसे विशाल प्राणी है। हाथी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया के हाथियों के प्रति जागरूकता और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है।भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act of India, 1972) में हाथियों को सर्वोच्च दर्जा दिया गया है।
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हर साल 12 अगस्त को मनाए जाने वाले “विश्व हाथी दिवस” का उद्देश्य हाथियों के लुत्प हो रही संख्या, उसके कारणों पर की ओर लोगों का ध्यान खींचना है। साथ ही उनके संरक्षण के उपायों, पुनर्वास, बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और गैर कानूनी तस्करी रोकने की ओर भी प्रयास करने के लिए प्रेरित करना है।
क्यों जरुरी है हाथी (elephant )
हाथी झुंड में चलते हैं जिससे घने जंगलों में रास्ता बनते जाता है जो दूसरे जानवरों के लिए बहुत मददगार होता है।
– एशियाई हाथियों की वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक भारत में है। वर्तमान में देश के 14 राज्यों में लगभग 65000 वर्ग किलोमीटर में हाथियों के लिए 30 वन क्षेत्र सुरक्षित हैं।
– लेकिन हाल- फिलहाल जितनी तेजी से मानव हाथी संघर्ष की घटनाएं हुई हैं, वह चिंता का विषय है। हाथियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि वन विभाग, गैर सरकारी संस्थाएं और पर्यावरण प्रेमियों द्वारा सामूहिक रूप से इनके संरक्षण का कार्यक्रम चलाया जाए।
पहले हाथियों की संख्या 10 लाख तक अब महज 27 हजार
पहले हाथियों की संख्या 10 लाख तक थी जो इस समय भारी गिरावट के साथ महज 27 हजार रह गई है. हाथियों के घटती संख्या और उनकी मौत भारत के केरल में सबसे ज्यादा होती है हाथी को मारना या नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध है। ऐसा करने पर आरोपियों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन( world life protection) एक्ट 1972 के अनुसार जानवरों की हत्या पर 3 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।