गरियाबंद-नगर के साधारण से व्यक्ति इमरान ने भी देश में चल रही तिरंगे की लहर में अपने को समहित करते हुए अमृत उत्सव के इस यज्ञ में एक आहुति के रूप में अपना भी योगदान दिया । उन्होंने देखा कि बड़े बड़े घरों में तो तिरंगा लगाया गया है पर येसे कई लोग भी है जिनके छोटे सा आशियाना तिरंगे से महरूम है। उनको भी तिरंगे पर फक्र करने का उतना ही अधिकार जितना कि बड़े बड़े भवन वालो को , इसी सोच ने एक विचार को जन्म दिया और निकल पड़े अपने एलेट्रिक बाइक पर उन घरों तक तिरंगा पहुचाने जिनके यंहा अब तक नही दिखा था ।
सैकड़ो की तादाद में झंडा खरीदा और ससम्मान घरों तक पहुचा उनको तिरंगा घर मे लगाने दिया, इमरान आज लगतार तीन दिनो ऐ नगर के स्लम इलाक़ों में जा कर तिरंगा बाट रहे है उन्होंने बतलाया की वे अब तक 100 से भी अधिक घरों में तिरंगा लगा चुके वही वे नन्हे बच्चों को मेरा भारत महान लिखा हूँ हैंड बैंड भी पहना रहे है , इमरान मेमन उर्फ़ इम्मु पहले भी उन्हें कई समाजिक कार्य करते देखा गया है कोरोना काल में उनका योगदान बेहद सराहनीय रहा है वे रोज़ खाने का पैकेट बनाते और ज़रूरतमंद तक पहुँचा कर आ जाते थे कोरोना काल में जब लोग घर से निकलने में भी कतराते थे उस समय इमरन सुबह और शाम खाना बाटने निकल जाते थे लोगों ने उन्हें इम्मु दिलेर भाई जान कह कर पुकारना शुरू कर दिया था ,
उसी कडी में अब इमरान को हर घर तिरंगा लगाते भी देखा जा रहा है, उनका कहना है आज पूरा देश आज़ादी का 75वाँ अमृत महत्सोव माना रहा है और मेरा ऐसा मानना है की देश के प्रत्येक नगारिक को इस महत्सोव में शामिल होने का अधिकार है चाहे वो किसी भी वर्ग का व्यक्ति क्यू ना हो तीन दिन पहले जब मै शहर में रोज की तरह सैर करने निकला तो मैंने कई ऐसे घर देखे जहां आज भी तिरंगा नहि पहुँच पाया है इसीलिए मैंने उन घरों में तिरंगा लगाना शुरू कर दिया लगभग 100 घरों में मैंने तिरंगा लगाया है और कल तक मै और भी ऐसे कई घरों में जहां तिरंगा नहि पहुँचा है और मुझे इस बात पर गर्व है
साथ ही मै आप सभी से निवेदन करता हूँ आप सभी इस महोत्सव में शमिल हो कर उन घरों में ज़रूर तिरंगा लगाए जहाँ अब तक तिरंगा नहि पहुँचा है, आज़ादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष पूरे होने और यहां के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को याद करने और जश्न मनाने के लिए भारत सरकार की ओर से की जाने वाली एक पहल है।
हर घर तिरंगा फहराना हैः इमरान मेमन
आज़ादी के आंदोलन के इतिहास की तरह ही आज़ादी के बाद के 75 वर्षों की यात्रा, सामान्य भारतीयों के परिश्रम, इनोवेशन, उद्यम-शीलता का प्रतिबिंब है। हम भारतीय चाहे देश में रहे हों, या फिर विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें गर्व है हमारे संविधान पर। हमें गर्व है हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं पर। लोकतंत्र की जननी भारत, आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है। ज्ञान-विज्ञान से समृद्ध भारत, आज मंगल से लेकर चंद्रमा तक अपनी छाप छोड़ रहा है।