भारत ( India) 76वां स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास रहा. पहली बार लाल किले से स्वदेशी तोप से सलामी दी गई. ध्वजारोहण के बाद उन्होंने लाल किले से राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘आत्मनिर्भर भारत’ कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज का जन आंदोलन है जिसे सबको मिलकर आगे बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री ने विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई दी. उन्होंने कहा कि, ‘‘जब वह 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को देखते हैं और उनके संकल्पों की अनुभूति करते हैं तो आने वाले 25 साल के लिए देश को ‘‘पंच प्राण’’ पर अपनी शक्ति, अपने संकल्पों और अपने सामर्थ्य को केंद्रित करना है।
देश में निर्मित तोप का इस्तेमाल ( use)
आजादी के 75 साल में पहली बार ऐसा हुआ हुआ है कि लाल किले से सलामी के लिए देश में निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया.’’
प्रधानमंत्री ने पांच प्राणों को लेकर चलने का किया अह्वान
प्रधानमंत्री ने ‘‘विकसित भारत’’ को पहला प्राण बताया और कहा कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए. गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को उन्होंने दूसरा प्राण बताया और कहा कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है।प्रधानमंत्री ( prime minister)ने विरासत पर गर्व करने को तीसरा प्राण बताया और कहा कि यही वह विरासत है जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया है। उन्होंने एकता और एकजुटता को चौथा प्राण और नागरिकों के कर्तव्य को पांचवां प्राण बताया।
48 किलोमीटर है इसकी मारक रेंज
DRDO द्वारा बनाई गई इस तोप की गिनती दुनिया की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों में होती है। इसकी रेंज 48 किलोमीटर है। माना जाता है कि यह तोप माइनस 30 डिग्री की ठंड हो या 75 डिग्री की गर्मी, यह हर मौसम में काम कर सकती है। चीन से लगी एलएसी से लेकर राजस्थान के रेतीले मैदान तक इस तोप का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह 155 एमएम कैलिबर की तोप है। इससे 155 एमएम के गोले दागे जा सकते हैं।