राजनांदगांव। CG Flood जिले में सप्ताह भर से रुक-रुक हो रही बारिश के बीच मोंगरा बैराज, घुमरिया बैराज और सूखा नाला, बांध से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से शिवनाथ नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिससे नदी के किनारे आसपास के कई गांव, दुकान में आ गए हैं। हालांकि प्रशासन ने समय रहते डूबान क्षेत्र के गांव के घरों को खाली करा दिया था जिसे कोई जनहानि नहीं हुई है।
राजनांदगांव जिले में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर है। जिले के प्रमुख बांध मोंगरा बैराज , सूखा नाला बैराज, घुमरिया बैराज में क्षमता से अधिक पानी होने की वजह से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है जिससे शिवनाथ नदी में बाढ़ आ गई है। नदीं मे पानी छोडे़ जाने से राजनांदगांव शहर के मोहरा स्थित शिवनाथ नदी भी अपने विकराल रूप में दिखाई दे रही हैं और बाढ़ से आसपास के कई दुकान और मकान डूब गए हैं।
शिवनाथ नदी के पुराने पूल से लालबाग 8 फीट ऊपर से पानी बह रहा है। वहीं नये के ऊपर पानी पहुंचने में महज चार फीट बाकी है। इसी तरह नदी किनारे बसे मोहारा, सिंगदई, हरदी में बाढ़ ने तबाही का मंजर बना दिया है। हालांकि लगातार हो रही बारिश और बैराज से पानी छोड़े जाने के पूर्व ही प्रशासन के द्वारा नदी के किनारे बसे आसपास गांव के लोगों के घरों को खाली करा दिया गया था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन इस बाढ़ से लोगों को काफी आर्थिक क्षति होने का अनुमान है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही नुकसान का आंकलन किया जा सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने राहत शिविर भी लगाया है।
नगर निगम के आयुक्त डा. आशुतोष चतूर्वेदी ने बताया कि जिले में हप्ते भर से हो रही बारिश और जलाशयो से शिवनाथ नदी में पानी छोडे़ जाने से शिवनाथ नदी का जल स्तर बढ़ गया है। उन्होने बताया कि नदी किनारे बसे गांवो मे बाढ की स्थिती बनी है और लोगों के घरों मे पानी घुस गया है ऐसे मे प्रशासन ने राहत शिविर लगाकर लोगों को घर से सुरक्षित निकाला है और स्कूलों , सामुदायिक भवन में राहत केन्द्र बनाकर लोगों के भोजन पानी की व्यवस्था की गई है।
शिवनाथ नदी में जलाशयो से पानी छोडे़ जाने से नदी तटवर्ती गांवो का सम्पर्क टूट गया है। बाढ़ के हालात को लेकर नदी के किनारे गांव में मुनादी कराई गई है ताकि लोग सुरक्षित ठिकाने पर रहें। इसी तरह शिवनाथ नदी पर बेरीकेट्स लगाकर सुरक्षा के इंतेजाम किया गया है और पुलिस जवानों, नगर सेना के गोताखोरो की ड्यूटी लगाई गई है। स्वतंत्रता दिवस के दिन ही इन तीनों जलाशयों से मिलाकर लगभग ढाई लाख से अधिक क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है जिसकी वजह से आसपास के क्षेत्र डूबान पर है।