दुनिया में फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने भारत की फुटबाल संस्था ‘ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन’ को सस्पेंड कर दिया है. इतना ही नहीं, फीफा ने भारत से अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी का अधिकार भी छीन लिया है. फीफा ने अपने एक बयान में कहा कि AIFF को तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव की वजह से तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला लिया गया है. fifa के इस कदम पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और तत्काल सुनवाई की मांग की. हालांकि कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के लिए कल यानी बुधवार का दिन तय किया है.
दरअसल, भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है. केंद्र की तरफ से मौजूद सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और ए. एस. बोपन्ना की बेंच को बताया फीफा ने भारत को सस्पेंड करने का लैटर भेजा है. इसपर तुरंत सुनवाई करने की जरूरत है. बेंच ने मेहता से कहा कि यह मामला बुधवार के लिए सूचीबद्ध है. हालांकि अदालत इस मसले को पहले केस के तौर पर लेने की कोशिश करेगी. मेहता ने कहा कि फीफा का हेडक्वाटर जिनेवा में है और उसने कुछ फैसले लिए हैं, जिसे अदालत के सामने लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मैं अपील करता हूं कि कोर्ट में लंबित एआईएफएफ मामले पर तुरंत सुनवाई हो.’
निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू
हालांकि तुषार मेहता ने एआईएफएफ के निलंबन को स्पष्ट रूप से मेंशन नहीं किया, लेकिन उन्होंने पीठ से कहा कि वह फीफा की प्रेस रिलीज को सर्कुलेट करेंगे. ताकि अदालत को इस मामले के बारे में पता चल सके. गौरतलबल है कि फीफा ने ‘तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव’ का हवाला देते हुए ‘ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन’ को सस्पेंड कर दिया है. इसका सीधा प्रभाव यह होगा कि भारत अब फीफा अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी नहीं कर पाएगा, जो इसी साल अक्टूबर महीने में होने वाला है.
पिछले 85 साल के इतिहास में यह पहली बार है, जब फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगा दिया. फीफा ने अपने बयान में कहा कि यह निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू होगा. फीफा ने कहा, ‘फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है. तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है.’ बयान में आगे कहा गया, ‘निलंबन तभी हटेगा जब एआईएफएफ कार्यकारी समिति की जगह प्रशासकों की समिति के गठन का फैसला वापिस लिया जाएगा और एआईएफएफ प्रशासन को महासंघ के रोजमर्रा के काम का पूरा नियंत्रण दिया जायेगा.’
अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी नहीं कर पाएगा भारत
फीफा ने कहा, ‘भारत में 11 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाला अंडर-17 महिला विश्व कप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक भारत में नहीं हो सकता. फीफा टूर्नामेंट के संबंध में अगले चरणों का आकलन कर रहा है और अगर जरूरी हुआ तो मामले को परिषद के ब्यूरो के पास भेजेगा.’ गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के एआईएफएफ अध्यक्ष के रूप में चुनाव को रद्द करने के बाद 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत प्रशासकों की समिति का गठन किया गया था. इसने एआईएफएफ के संविधान को राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप लाने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली को प्रशासकों की एक समिति के रूप में नियुक्त किया था