रायपुर। राजधानी का सरदार बलबीर सिंह जुनेजा स्टेडियम बुधवार की शाम बॉक्सिंग प्रेमियों के शोर से गूंज उठा। मौका था अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी मुकाबले ‘द जंगल रंबल‘ का। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बॉक्सिंग का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को खेलगढ़ में विकसित करने की दिशा में पेशेवर मुक्केबाजी जरिया बनेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को एक खेल राज्य खेलगढ़ के रूप में स्थापित करने का प्रयास जारी है। मुक्केबाज विजेंदर सिंह की पेशेवर लड़ाई इस योजना को और मजबूत करेगी। हमें न केवल लोगों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि छत्तीसगढ़ को खेल की महाशक्ति के रूप में पहचान दिलाने के लिए भी तैयारी करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन में आकर अच्छा लगा। यह छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक पल है। छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के प्रयासों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल अकादमी की स्थापना की गई है और खेलों के लिए अलग से प्राधिकरण भी बनाया गया है। इससे आधारभूत सुविधाओं के विकास और खिलाड़ियों को संवारने के काम एक साथ होगा। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में क्रिकेट का रोड सेफ्टी मैच हुआ। कई बड़े खिलाड़ियों ने अपने खेल का प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ में अब लगातार कोशिश हो रही है, खेलों को बढ़ावा मिले और युवा खेलों के लिए प्रेरित हो।
बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में खेलों का माहौल बन रहा है। महिला हॉकी में पहले ही राज्य का प्रतिनिधित्व रहा है, अब कॉमनवेल्थ गेम्स में हमारी बिटिया आरुषि कश्यप ने बैडमिंटन में मेडल जीता है। तीरंदाजी में भी यहां अनेक संभावनाएं हैं। ऐसे आयोजनों से राज्य में खेलों को नया आयाम मिलेगा।
ओलम्पिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा ने की कार्यक्रम की मेज़बानी
अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी मुकाबले ‘द जंगल रंबल में कार्यक्रम के मुख्य आयोजक के तौर पर छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के महासचिव सरदार गुरुचरण सिंह होरा भी मौजुद रहे. कार्यकम का लुफ़्त उठाने उपस्थित हुए सीएम भूपेश बघेल का स्वागत कर उनकी अगवानी की और सीएम बघेल के वक्तव्य के दौरान मुख्य आयोजक के तौर पर मंच में महासचिव सरदार गुरुचरण सिंह होरा भी साथ रहे। इस शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य आयोजक छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ और संघ के महासचिव की तारीफ़ करते हुए इस भव्य आयोजन की सरहाना की शानदार आयोजन के बधाई दी। इसी दौरान महासचिव होरा ने इस सफल मुक्केबाजी के आयोजन का श्रेय प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को दिया और कहा कि इस आयोजन से छत्तीसगढ़ में खिलाडियों के हौसले बुलंद होंगे, इसके साथ ही कहा कि सीएम बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ लगतार खेलों के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है, हमें उम्मीद है की प्रदेश में और भी ऐसे भव्य आयोजन कराये जायेंगे। इस सम्बन्ध में आयोजन को लेकर छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के महासचिव सरदार गुरुचरण सिंह होरा ने पूर्व में भी प्रेस वार्ता का आयोजन कर सभी पत्रकारों को इसकी जानकारी दी थी।
प्रतियोगिता में हुए पांच रोचक मुकाबले
लाइट वेट ग्रुप में पहला मुकाबला अमेय नितिन और असद आसिफ खान के बीच हुआ। इस मुक़ाबले में असद ने बाजी मारी। वहीं दूसरा मुकाबला आशीष शर्मा और कार्तिक सतीश कुमार के बीच हुआ, जिसमें कार्तिक सतीश कुमार विजेता घोषित किए गए। तीसरा मैच शैकोम और गुरप्रीत सिंह के बीच हुआ। गुरप्रीत सिंह इस मैच के विजेता बने।
मुक्केबाजी का चौथा मुकाबला सचिन नौटियाल बनाम फैजान अनवर के बीच हुआ। एक मिनट 17 सेकेंड में ही सचिन नौटियाल से फ़ैजान अनवर ने खेल जीत लिया। सचिन नौटियाल प्रतिद्वंदी खिलाड़ी फ़ैजान के पंच से पस्त हुए और रिंग छोड़ बाहर चले गए। खेल के नियमों के तहत रेफ़री ने फ़ैजान को विजेता घोषित किया।
सबके आकर्षण का केंद्र रहा विजेंदर-सुले के बीच मुकाबला
बॉक्सिंग की इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र पेशेवर भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह और घाना के एलियासु सुले के बीच हुआ मुकाबला रहा। इस मैच में विजेंदर सिंह ने अपने तगड़े पंच से एलियासु सुले को मात दी। द जंगल रंबल के पांचवें और इस आखिरी मुकाबले में केवल 02 मिनट 07 सेकेंड में ही एलियासु को धूल चटा दी। विजेंदर सिंह ने अपने तगड़े पंच से एलियासु सुले को ऐसी चोट दी और वे वापसी नहीं कर सके, जिससे विजेंदर सिंह को जीत मिली।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ये पहला पेशेवर मुक्केबाजी मुकाबला है। भारत के पहले पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह इस मुकाबले के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण ले रहे थे। इस मुकाबले के लिए विजेंदर सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
उल्लेखनीय है कि 8 जून को प्रोफेशनल मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात की थी और छत्तीसगढ़ में प्रोफेशनल बाक्सिंग मैच का आयोजन करने के लिए अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार किया था और उसी तारतम्य में मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय बाक्सिंग मुकाबला आयोजित किया गया। विजेंदर सिंह लगभग 19 महीनों के बाद रिंग में उतरे। इसके लिए उन्होंने मैनचेस्टर में कड़ी ट्रेनिंग ली है।