जगदलपुर, 18 अगस्त 2022/ बस्तर संभाग आयुक्त श्याम धावड़े ने कहा कि समाज प्रमुख जितना जागरूक होंगे, उतना ही वनांचल क्षेत्र में कानूनों का बेहतर क्रियान्वयन किया जा सकता है। राज्य शासन के मंशानुसार कमिश्नर धावड़े आज सुकमा के जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अनुसूचित जनजाति समाज प्रमुखों के साथ परिचर्चा के दौरान ये बाते कहीं।
परिचर्चा में सुकमा जिले के सर्व आदिवासी समाज, हल्बा, दोरला, मुरिया, धुरवा और कोया कुटमा समाज के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर हरिस. एस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत देवनारायण कश्यप, डिप्टी कमिश्नर माधुरी सोम,एसडीएम प्रीति दुर्गम, बनसिंह नेताम सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कमिश्नर धावड़े ने वन अधिकार मान्यता पत्र, सामाजिक प्रास्थिति मान्यता पत्र से सम्बंधित नियम और प्रावधानों के साथ ही देवगुड़ी के जीर्णोद्धार कार्यों संबंध समाज प्रमुखों से परिचर्चा किए।
कमिश्नर ने कहा कि जंगलों से ही हम आदिवासियों का अस्तित्व है। वन अधिकार क्षेत्र का संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन किया जाना आवश्यक है, वनों की कटाई को रोकना है। वन अधिकार के लिए सुकमा में व्यापक अवसर है। उन्होंने कहा कि वन अधिकार का ऋण पुस्तिका का वितरण किया जाना सुनिश्चित करें, साथ ही हितग्राही का केसीसी बनवाए कृषि व उद्यानिकी विभाग के योजनाओं का लाभ दिया जाए और मनरेगा के तहत भूमि सुधार करवाकर आजीविका के साधन में वृद्धि किया जाए। उन्होंने कहा की इसमें समाज प्रमुखों की महत्ती भूमिका है, समाज प्रमुख, ग्राम स्तर पर बैठक ले और ग्रामीणों को वन अधिकार अधिनियम की जानकारी दे, उनके नियमों को विस्तार से समझाए ताकि इनका बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो।
संभाग आयुक्त धावड़े ने समाज प्रमुखों से वन ग्राम को राजस्व ग्राम बनाने के आवश्यक सहयोग करने की अपील की। कमिश्नर ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के शिकायत के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस कार्य में समाज प्रमुख भी सहयोग करें। जिले में ड्राप आऊट बच्चों के कारण के सम्बंध में समाज प्रमुखों से चर्चा किए। समाज के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र के निर्माण में ग्रामसभा के प्रस्ताव को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य करें। धावड़े ने कहा कि दिव्यांगजनों को भी समाज प्रमुख के माध्यम से आवश्यक सहयोग करें। कलेक्टर हरिस एस ने बताया कि सुकमा जिले में सितंबर माह में विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस हेतु समाज प्रमुख शिविर में अधिक से अधिक दिव्यांगजनों को लाए।
कमिश्नर ने कहा कि बस्तर में देवगुड़ी-मातागुड़ी जीवित परंपरा का हिस्सा है। देवगुड़ी का जीर्णोद्धार कार्य में मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। देवस्थल में निर्माण ग्राम पंचायत के सहमति के आधार पर किया जाएगा। देवस्थल का राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है, रिकॉर्ड का एक कॉपी ग्राम स्तर में रखे। देवस्थल में अधिक से अधिक फलदार-छायादार पौधा रोपण किया जाए। संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ मृतक स्थल को भी संरक्षित किया जाना है। मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत बैगा, गुनिया, माँझी, चालकी , बाजा मोहरियाँ, आट पहरिया को राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत लाभ देने के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करने के अधिकारियों को निर्देशित किए।