Chhattisgarh News : देश में बेरोजगारी (Unemployment) इतनी बढ़ गयी है की किसी को भी हांथ-हांथ रख कर बैठे नहीं रहना चाहिए। ये बात साबित की है छत्तीसगढ़ के तुलसी गांव के लोगों ने। बीते रविवार छत्तीसगढ़ के तुलसी गांव में कुछ लोग आपस में बातचीत कर रहे थे। उनमें कुछ बच्चे थे। कुछ बुजुर्ग (elderly) भी। चर्चा किसी त्योहार (festival) या किसी पर्व का नहीं हो रहा था बल्कि चर्चा यूट्यूब के वीडियो(youtube videos) के स्क्रीप्ट का हो रहा था। वो लोग आपस में बात कर रहे थे कि वीडियो में कैसा गीत रखा जाए।
छत्तीसगढ़ का कॉमेडियन गांव
वीडियो के स्क्रिप्ट लिखने वाले ज्ञानेंद्र शुक्ला कोई इमोशनल गीत रखना चाहते हैं लेकिन वीडियो में लीड रोल निभा रहे मनोज यादव कुछ और ही चाहते हैं। मनोज कहते हैं कि हम लोग यहां अपने वीडियो के बारे में बात कर रहे हैं जो हम बनाने वाले हैं। वो आगे कहते हैं कि ऐसा चर्चा अब तुलसी गांव में आम हो गया है। यह गांव अब पूरे छत्तीसगढ़ में कॉमेडियन के गांव के नाम से जाना जा रहा है।
ऐसा गांव जहां 1000 कलाकार रहते हैं
तुलसी गांव राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव में कुल 3000 लोग हैं। इनमें से 1000 लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी यूट्यूब चैनल पर कॉमेडी करते हैं। यह कलाकार सिर्फ यूट्यूब पर ही नहीं बल्कि सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर हैं।
गांव के पास कुल 6 यूट्यूब चैनल
इस गांव के पास कुल 6 यूट्यूब चैनल हैं। यह कलाकार हर हफ्ते एक नया वीडियो अपने चैनल पर डाल देते हैं। Being Chhattisgarhiya नाम के चैनल पर 1,15,000 सब्सक्राइबर हैं। वहीं Nimga Chhattisgarhiya चैनल पर 1,15,000 सब्सक्राइबर हैं। ऐसे ही इस गांव के कलाकारों द्वारा बनाए वीडियो पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश भर में देखे जा रहे हैं। Being Chhattisgarhiya इस गांव का पहला यूट्यूब चैनल है।
स्थानीय भाषा में बनाते हैं वीडियो
Being Chhattisgarhiya चैनल पर वीडियो बनाने वाले जय वर्मा ने बताया कि जब उन लोगों ने यह चैनल शुरू किया था तो हिंदी में वीडियो बनाते थे लेकिन जब उन लोगों ने यह देखा कि स्थानीय भाषा में वीडियो बना कर कई लोग अच्छा कर रहे हैं तब वह स्थानीय भाषा में ही वीडियो बनाने लगे।
लाखों में आते हैं व्यूज
जय वर्मा आगे बताते हैं कि इसके बाद गांव के कई लोग यूट्यूब पर वीडियो बनाने लगे। अमूमन हम लोग सामाजिक मुद्दों पर, पर्यावरण पर वीडियो बनाते हैं। जय वर्मा ने बताया कि हमारा एक वीडियो 2,71,000 व्यू पा चुका है।
बच्चे – बुजुर्ग सब शामिल
Being Chhattisgarhiya के ही एक और कलाकार ज्ञानेंद्र शुक्ला कहते हैं कि हमें बहुत खुशी है कि हमारा गांव कॉमेडियन के गांव के नाम से अब जाना जा रहा है। जो इस गांव में सबसे बुजुर्ग कलाकार हैं उनकी उम्र 60 साल के ऊपर है और जो सबसे कम उम्र का कलाकार है वो 7 साल का है।
कई कलाकार बन चुके हैं स्टार
कलाकार मनोज वर्मा बताते हैं कि पिछले हफ्ते वो शहर गए थे। वहां उनसे सैकड़ों लोग मिलने को आए थे। वो बताते हैं कि गांव के कई लोग सोशल मीडिया पर स्टार बन चुके हैं। लोग उनके साथ सेल्फी लेते हैं। मनोज के साथ-साथ ममता साहू भी सोशल मीडिया स्टार बन चुकी हैं।
इंस्टाग्राम पर भी जलवा
पिंकी साहू की उम्र 24 साल है। वह बड़े ही गर्व से बताती हैं कि उनके इंस्टाग्राम पर 12,000 फॉलोवर हैं। पिंकी को लोग उनके अभिनय और डायलॉग बोलने की अंदाज की वजह से फॉलो करते हैं।
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गांव को देखने आते हैं लोग
Being Chhattisgarhiya के कलाकार ज्ञानेंद्र शुक्ला कहते हैं कि कलाकारों के साथ-साथ इस गांव का भी किस्मत चमक गया है। लोग अब इस गांव में घूमने आते हैं। लोग यह देखने आते हैं कि इस गांव में क्या चल रहा है। वो बताते हैं कि कभी-कभी भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है जिसे संभालना मुश्किल हो जाता है।
कितना पैसा कमा लेते
कमाई के बारे में पूछने पर मनोज बताते हैं कि हमारा वीडियो तो खूब चलता है लेकिन कमाई उतनी नहीं है। वो आगे कहते हैं कि हर महीने लगभग 30,000-35,0000 रुपए हम कमा लेते हैं। यह पैसा पूरी तरह से खर्च करने की बजाए हम इससे कैमरा और बाकी जरूरी चीजें खरीद लेते हैं।
पूरी दुनिया देख रही टैलेंट
इसी गांव के मूल चंद्र ने बताया कि हम वीडियो पैसों के लिए बनाते ही नहीं हैं बल्कि हम यह अपनी और लोगों की खुशी के लिए बनाते हैं। वो कहते हैं कि ज्यादातर कलाकार कहीं न कहीं काम करते हैं। वीडियो बनाना हम सब का शौक है। इससे हमारे गांव का टैलेंट पूरी दुनिया देख रही है।
दे रहे हैं रोजगार
हैरान करने वाली बात यह है कि इस गांव ने अब लोगों को रोजगार देना शुरू कर दिया है। कई तरह के लोगों को अब इस गांव के लोग नौकरी देने लगे हैं। मसलन, वीडियो एडिटर, कैमरामैन, आदि।
इस गांव में नौकरी कर रहे राहुल बताते हैं कि मैं इस गांव में वीडियो एडिट कर हर हफ्ते 3,000 के आसपास कमा लेता हूं। इस गांव के लोग एक्टिंग और कॉमेडी के दिवाने हैं। वो आगे कहते हैं कि इस गांव से कई गांव सीख लेंगे।