आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाई गई छायाचित्र प्रदर्शनी में महात्मा गांधी की प्रथम छत्तीसगढ़ यात्रा और छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से स्कूली बच्चे, युवा और आमजन प्रभावित हो रहे है। गौरतलब है कि यह प्रदर्शनी 21 अगस्त 2022 तक चलेगी। प्रदर्शनी का अवलोकन सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक किया जा सकता है। स्थानीय टॉऊन हॉल में चल रही यह प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ के आजादी के दीवानों पर केन्द्रित है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले रणबांकुरों के जीवन चरित्र और आंदोलन में उनके योगदान को जीवंत छायाचित्रों के माध्यम से इस प्रदर्शनी में रेखांकित किया गया है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की जनकल्याणकारी और नवाचारी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। प्रदर्शनी में आने वाले आगंतुकों को विभिन्न योजनाओं की प्रचार सामग्री भी वितरित की जा रही है।
छायाचित्र प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों, युवाओं और आमजनों की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के सामान्य ज्ञान पर आधारित रोचक प्रश्न पूछे जा रहे है और इन प्रश्नों के सही जवाब पर प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार भी दिए जा रहे है। प्रदर्शनी के छठवें दिन आज आम नागरिकों, युवाओं के साथ ही स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम हायर सेकेण्डरी स्कूल माना कैम्प रायपुर के बच्चों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इस प्रदर्शनी की सराहना की। स्कूली बच्चों ने बताया कि उन्हें छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ में देश के आजादी के लिए चलाए गए आंदोलन के संबंध में ज्ञानवर्धक जानकारी मिली।
महात्मा गांधी जी का प्रथम छत्तीसगढ़ प्रवास
धमतरी जिले के कंडेल ग्राम में अंग्रेजों ने किसानों पर नहर से पानी चोरी करने का मिथ्या आरोप लगाकर खेती किसानी के दिनों में उनके पशु जब्त कर लिए तथा 4030 रूपए का जुर्माना भी लगा दिया। इसलिए किसानों ने महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में सत्याग्रह करने का निश्चय किया।
पं. सुन्दरलाल शर्मा गांधी जी को लेने 2 दिसंबर को कलकत्ता गए। वे गांधी जी को लेकर 20 दिसम्बर 1920 को रायपुर पहुंचे। प्लेटफार्म पर पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, सखाराम दुबे आदि ने उनका स्वागत किया। शाम को रायपुर के गांधी मैदान में गांधी जी ने एक विराट आमसभा को संबोधित किया। वह स्थान रायपुर में आज गांधी चौक के नाम से प्रसिद्ध है।
21 दिसंबर 1920 को गांधी जी आजाद चौक, बाल समाज वाचनालय से धमतरी रवाना हुए। गांधी जी के आगमन की सूचना मिलते ही अंग्रेजों ने किसान विरोधी आदेश वापस ले लिया। धमतरी से लौट कर महात्मा गांधी जी ने कंकालीपारा स्थित आनंद समाज वाचनालय के बगल के मैदान में एक महती सभा को संबोधित किया।