उत्तराखंड में बारिश ने कहर बरपाया है। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार देर रात से हो रही वर्षा से उत्तराखंड में जन-जीवन प्रभावित है। देहरादून के मालदेवता क्षेत्र और पौड़ी के यमकेश्वर में बादल फटा है। यमकेश्वर और टिहरी में मकान के मलबे में मलबे में दबकर तीन की मौत, चार के दबे होने की सूचना है। वहीं अभी तक कुल सात लोग लापता हैं।
सीएम धामी ने जाना आपदा प्रभावितों का हाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती घायल आपदा प्रभावितों का हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने घायलों व्यक्तियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और कहा कि उनके समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी साथ में थे।
सीएम ने राहत बचाव कार्य का लिया जायजा
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर राहत बचाव कार्य का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की भी जानकारी ली। इसके बाद वह टपकेश्वर में तमसा नदी से हुए नुकसान का निरीक्षण करने के लिए सचिवालय से रवाना हुए।
टिहरी में एक ही परिवार के सात सदस्य मलबे में दबे
टिहरी जिले में बादल फटने के कारण जौनपुर ब्लॉक के ग्वाड़ गांव में भारी भूस्खलन होने से एक परिवार के सात सदस्य मलबे में दब गए। बचाव दल ने पति-पत्नी के शव बरामद कर लिये, लेकिन अन्य पांच सदस्य अभी मलबे में ही दबे हैं। कीर्तिनगर के कोठार गांव में भी मकान के ऊपर मलबा आने से एक 80 वर्षीय महिला मलबे में दब गई। अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने से लगभग 32 मवेशी बह गये और कई हेक्टेयर जमीन भी बह गई।
रायवाला में सौंग ने ठाकुरपुर गांव में मचाई तबाही
शुक्रवार की सुबह से शनिवार सुबह तक लगातार हुई बारिश और रायपुर क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद सौंग नदी में उफान आ गया, जिससे बाढ़ का पानी नेपाली फार्म से ठाकुरपुर गांव में घुस गया। तड़के करीब पांच बजे आए उफान से गांव के 50 से अधिक घर जलमग्न हो गए। प्रभावित परिवारों ने छत और ऊंची जगहों पर चढ़ कर जान बचाई। वहीं बाढ़ के पानी से खाद्य सामग्री, कपड़े, बिस्तर आदि खराब हो गए।