चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अगस्त को टाटा कैंसर अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए पंजाब आ रहे हैं। इससे पहले केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पंजाब पुलिस को अलर्ट किया है। खुफिया एजेंसियों ने कहा कि राज्य में आतंकी सक्रियता बढ़ा सकते हैं। इसके बाद पंजाब में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौर से पहले आतंकी हमले का अलर्ट जारी हुआ है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ पंजाब सहित चंडीगढ़ को दहलाने की फिराक में है। इसके बाद पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रधानमंत्री को मोहाली स्थित न्यू चंडीगढ़ में होमी भाभा कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करना है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने इस को लेकर पंजाब को इनपुट भेजा है।
पंजाब पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि गैंगस्टरों के साथ आतंकी भी मिल गए हैं। इसके बाद खतरा ज्यादा बढ़ गया है। बता दें, इससे पहले केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पंजाब के नेताओं और अफसरों पर भी आतंकी हमले की चेतावनी दी है। इनमें पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व मंत्री गुरकीरत कोटली, विजयइंदर सिंगला और परमिंदर सिंह पिंकी का नाम शामिल है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने पंजाब पुलिस को दस लोगों की सूची भेजी है। जिसके बाद इन लोगों की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई।
बता दें, पंजाब पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस से पहले दिल्ली पुलिस की मदद से चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें दीपक मोगा, सन्नी ईसापुर, संदीप सिंह और विपिन जाखड़ शामिल थे। यह चारों कनाडा में बैठे गैंगस्टर अर्श डल्ला और आस्ट्रेलिया में बैठे गुरजंट जंटा के संपर्क में थे।
इन आतंकियों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए है। हालांकि इन आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद कनाडा में बैठ अर्श डल्ला ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट कर पंजाब पुलिस को धमकी दी थी। पोस्ट में कहा था कि पंजाब में हुए बम धमाकों में उसका हाथ नहीं है। जिन लोगों को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया है उन्हें आतंकी साबित करने की कोशिशें की जा रही है, जबकि पुलिस ने जो हथियार आरोपितों से पकड़े है वह उनके पास थे ही नहीं।
पंजाब में वीआइपी की सुरक्षा को मामला बेहद संवेदनशील है। इससे पहले पंजाब पुलिस ने कई वीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था हटा ली थी। सुरक्षा व्यवस्था हटाने के बाद सिद्धू मूसेवाला का कत्ल कर दिया गया था। जिसके बाद मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट भी पहुंचा था। हालांकि बाद में वीआइपी की सुरक्षा को बहाल कर दिया गया था, लेकिन अब केंद्रीय खुफिया एजेंसी का इनपुट आने के बाद ओर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है।