Mahasamund News : महासमुंद (Mahasamund) जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था (education system)का काफी बुरा हाल है, शिक्षकों की लापरवाही और अधिकारियों की उदासीनता के चलते स्कूलों के ताले भी नहीं खुल रहे हैं। आज स्कूली बच्चों (school children)का भविष्य दांव पर लगता नजर आ रहा है। ताजा मामला जिले के सरायपाली (Saraipali)विकासखंड के ग्राम साल्हेभाटा में सामने आया है, जहां शनिवार को स्कूल का ताला ही नहीं खुला और बच्चों को मध्यान्ह भोजन से भी वंचित रहना पड़ा।
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महासमुंद जिले के ग्रामीण इलाकों में शासन की ओर से स्कूल संचालित किये जा रहे है। जिले के अंतिम छोर पर स्थित जनजाति बाहुल्य सुदूरवर्ती ग्राम साल्हेभाटा में भी स्कूल का संचालन किया जा रहा है। लेकिन शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचते हैं और स्कूल का ताला भी नहीं खुल रहा है। शनिवार को स्कूल के हालात की जायजा लेने के लिए जब हमारी टीम वहां पहुंची, तब स्कूल में ताला जड़ा हुआ पाया गया। बच्चे गांव में ही घूमते नजर आए, शासन की ओर से जनजाति बहुल इलाकों में बच्चों को शिक्षा के मूल धारा से जोड़ने के लिए कई की तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है, लेकिन जब शिक्षक शाला में उपस्थित ना हो तब ऐसी योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे होगा। हम आपको बता दें कि स्कूलों के नियमित मॉनिटरिंग के लिए समन्वयक भी नियुक्त किए गए हैं तथा नोडल भी बनाए गए लेकिन स्कूल का ताला नहीं खुलने की जानकारी न तो नोडोल अधिकारी को है और ना ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी को, ऐसे में शिक्षा व्यवस्था चरमराती हुई नजर आ रही है।