कमलेश गोगिया/ रायपुर। CM BHUPESH BAGHEL BIRTHDAY SPECIAL खेल न सिर्फ मानव मन को प्रसन्न और उत्साहित बनाए रखते हैं बल्कि इससे सहिष्णुता, धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है। खेल किसी भी राज्य को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ ख्याति दिलाता है बल्कि बुनियादी अधोसंरचनाएं भी विकसित हो करता हैं और यह मुमकिन होता है राज्य सरकार के प्रयासों से। छत्तीसगढ़ के खेल प्रेमी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों से ही बीते चार साल में खेल के अनेक नये अध्याय लिखे गये। छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्राष्ट्रीय खेल क्षितिज पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहा। खेल की अधोसंरचनाओं के निर्माण से लेकर आयोजन और खिलाड़ियों के विकास तक सीएम बघेल ने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। मुख्यमंत्री बघेल वर्तमान में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष भी हैं।
‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का नारा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खेलों के प्रति युवाओं में उत्साह जगाने और छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए ’खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का नारा दिया। सीएम बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में पिछले तीन सालों में खेल अधोसंरचना और विभिन्न खेल सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए अनेक कार्य किए गए हैं। बिलासपुर के बहतराई में स्वर्गीय बी.आर. यादव के नाम से संचालित खेल अकादमी में एथलेटिक्स, आर्चरी एवं हॉकी के लिए आवासीय प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ताकि खेलों के प्रति युवाओं का उत्साह बढ़े।
मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर खेलों के विकास और विभिन्न खेल अकादमियों इकाइयों में समन्वय के लिए छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की नई खेल सुविधाएं विकसित होने से युवाओं में खेलों के प्रति रूझान बढ़ा है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों भौरा, गेड़ी दौड़ और फुगड़ी सहित अन्य खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। युवा उत्सव के दौरान प्रदेश की राजधानी सहित अन्य जिलों में भी पारंपरिक खेलों का भी आयोजन किया जाता है।
स्वर्गीय कोदुराम वर्मा धनुर्विधा आवासीय अकादमी की स्थापना
वहीं बिलासपुर के अलावा रायपुर में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम परिसर में स्वर्गीय कोदुराम वर्मा धनुर्विधा आवासीय अकादमी की स्थापना भी की गई है। दोंनो आवासीय अकादमी में खिलाड़ियों को निःशुल्क भोजन, खेल प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति एवं बीमा के साथ-साथ शिक्षा की भी व्यवस्था की गई है। इन ा अकादमियों के लिए खिलाड़ियों के साथ अन्य कर्मचारियों की भर्ती की गई। इसी तरह रायपुर के स्वामी विवेकानंद स्टेडियम में गैर आवासीय बालिका फुटबाल अकादमी एवं गैर अवासीय बालक-बालिका एथलेटिक अकादमी तैयार की गई है। टेनिस के लिए राज्य में बेहतर सुविधा विकसित हो इसके लिए लाभांडी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के टेनिस स्टेडियम एवं अकादमी का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए 17 करोड़ 75 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
इन जगहों पर बन रहे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर, राजनांदगांव और जशपुर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हाकी स्टेडियम बन कर तैयार है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत एक करोड़ की प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। राज्य में खेलों के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभागीय मान्यता प्राप्त खेल संघ एवं संस्थाओं को एक करोड़ 30 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में नवंबर माह तक लगभग 60 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। दुर्ग जिलें में जूडो अकादमी भवन निर्माण की स्वीकृति भी दी गई है। महासमुंद में 6 करोड़ 60 लाख की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक निर्माण, अंबिकापुर में 4 करोड़ 50 लाख की लागत से बनने वाली मल्टीपरपज इण्डोर हाल के निर्माण की स्वीकृति एवं बस्तर के इंदिरा प्रियदर्शनी स्टेडियम में 5 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाली सिंथेटिक टर्फ फुटबाल मैदान गाथ की रनिंग ट्रेक निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार से मिल चुकी है।
छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया के सात सेंटर मंजूर
मुख्यमंत्री बघेल के प्रयासों से ही भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया स्कीम के तहत सात खेलो इंडिया केन्द्रों की स्थापना की मंजूरी दी गई। ये सातों केन्द्र अलग-अलग जिलों में एक-एक खेल के लिए खोले जाएंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आर्चरी और हॉकी के लिए दो-दो केन्द्र, वॉलीबाल, मलखम्ब और फुटबाल के लिए एक-एक केन्द्र की मंजूरी दी गई है। इन केन्द्रों में संबंधित खेलों के लिए छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों का चयन कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कोचों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन केन्द्रों की स्थापना के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री के सपनों को लगे पंख’
बकौल बघेल ’छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अच्छा मौका मिलेगा। आने वाले समय में ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे। यह ‘खेलबो जीतबो गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना को साकार करने में एक और सार्थक कदम सिद्ध हुआ है।’
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर खेल संचालनालय ने विभिन्न खेलों की खेलो इण्डिया सेंटर प्रारंभ करने का प्रस्ताव भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा था, जिसमें से शिवतराई बिलासपुर में तीरंदाजी सेंटर, बीजापुर में तीरंदाजी सेंटर, राजनांदगांव में हॉकी सेंटर, जशपुर में हॉकी सेंटर, गरियाबंद में व्हॉलीबॉल सेंटर, नारायणपुर में मलखम्भ सेंटर और सरगुजा में फुटबॉल की खेलो इण्डिया सेंटर प्रारंभ करने की स्वीकृति भारतीय खेल प्राधिकरण से मिली। छत्तीसगढ़ राज्य में खेलों का प्रशिक्षण अब और मजबूत होगा।
राजनांदगांव और जशपुर प्रारंभ से ही हॉकी की नर्सरी के रूप में विख्यात है, इन शहरों ने हॉकी के कई खिलाड़ी दिए हैं, अब नई पीढ़ी को बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें एक नया अवसर प्रदान किया जाएगा। बस्तर क्षेत्र अब तक खेलों में उपेक्षित रहा था, इन क्षेत्रो में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बस्तर में भी खेलों के विकास के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, खेलो इण्डिया सेंटर की स्वीकृति इसका उदाहरण है। नारायणपुर में मलखम्भ की विशेष प्रतिभाओं को देखकर मुख्यमंत्री ने इन्हें अकादमी देने की घोषणा की थी, जिसे पूरा किया गया। सरगुजा में फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए एक नया अवसर सृजित कर खिलाड़ियों को सौंगात दी गई है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा लगातार खिलाड़ियों के लिए नित्य नये अवसर गढ़े जा रहे हैं। आने वाले समय में राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करेंगे।
नये खिलाड़ियों को अवसर
मुख्यमंत्री बघेल ने नवोदित खिलाड़ियों में खेल के प्रति अधिक रूचि पैदा करने और खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से उन्हें अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में ’खेल प्रतियोगिता 2022’ आयोजित करने की विशेष पहल की। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा यह प्रतियोगिता ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रत्येक विकासखण्ड स्तर एवं जिला स्तर पर आयोजित की जाएगी। बालक एवं बालिका वर्ग के लिए सब जूनियर और जूनियर कैटेगरी में खेल प्रतियोगिता आयोजित होगी। प्रतियोगिता में विजेता दल और खिलाड़ियों को पारितोषिक-प्रोत्साहन स्वरूप खेल सामग्री प्रदान की जाएगी।
विकासखण्ड स्तर पर दलीय खेलों के अंतर्गत हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट तथा एथलेटिक, बैडमिंटन एवं कुश्ती की प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। जिला स्तर पर दलीय खेलों के अंतर्गत हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, क्रिकेट सहित दो छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेल तथा एथलेटिक, बैडमिंटन और कुश्ती सहित दो छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी।
राजधानी रायपुर को खेल मैदान की सौगात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी को खेल मैदान की भी सौगात दी। रायपुर शहर के बीचों बीच स्थित नगर निगम के खेल मैदान के उन्नयन की जरूरत काफी लंबे समय महसूस की जा रही थी। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 2 करोड़ 62 लाख रूपए की लागत से इस खेल मैदान का जीर्णाेद्वार किया है। अब इस मैदान में दर्शकों के बैठने की उत्तम व्यवस्था के साथ ही रात्रिकालीन लाइट की व्यवस्था भी कर दी गई है। इन सुविधाओं के विस्तार से खिलाड़ियों को खेल का बेहतर माहौल मिलेगा जिससे खेल प्रतिभाओं में निखार आएगा।
बस्तर में भूपेश की नई पहल
प्रदेश के दूरस्थ इलाके बस्तर की खेल प्रतिभाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। सीएम बघेल के प्रयासों से बस्तर को फीफा अप्रूव ग्राउंड की सौगात मिली। यह छत्तीसगढ़ का पहला फीफा एप्रूव्ह सिंथेटिक फुटबाल ग्राउंड विथ रनिंग ट्रैक है।
जगदलपुर के प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम के फुटबाल मैदान को फीफा ने अंतर्राष्ट्रीय मानक का प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। इस वर्ष जगदलपुर प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में सीएम बघेल ने 56.42 करोड़ के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री बघेल की मौजूदगी में बस्तर में ग्रास रूट लेबल पर सामुदायिक फुटबॉल को और अधिक लोकप्रिय बनाने ओडिशा भुवनेश्वर की आर्डाेर फुटबॉल अकादमी, बस्तर जिला फुटबॉल संघ तथा बस्तर जिला प्रशासन के बीच एमओयू किया गया। इससे बस्तर के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक मिल सकेंगे। खेल की बारीकियां सीखने के बाद खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के साथ देश का नाम रौशन करेंगे।
भावी पीढ़ी को खेलों की प्रेरणा
मुख्यमंत्री बघेल भावी पीढ़ी को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने उनके साथ खेलों में उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं। जशपुर के कुनकरी का ही उदाहरण ले लीजिए जब वे प्रवास के दौरान आत्मानंद स्कूल के बच्चों के आग्रह पर पिठ्ठुल पर गेंद मारी, इस दौरान उन्होंने पहले ही थ्रो में अचूक निशाना लगाते हुए पिठ्ठुल के सारे पत्थर गिरा दिए, जिसे देख मुख्यमंत्री और बच्चों सहित यहां उपस्थित सभी लोग खिलखिला कर हंस पड़े। सीएम बघेल ने पांचवी की छात्रा वैष्णवी, प्राची और अल्फिया के साथ सांप सीढ़ी खेलते हुए पासा फेंका तो उनके साथ कैरम की गोटी को भी स्ट्राइक किया। छात्रों को शतरंज के गुर भी बताए।
छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन
छत्तीसगढ़ में खेलों की बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने तीन वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन कर अनूठी पहल की। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इसका पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के तहत कराया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश कुमार पटेल उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। खास बात यह है कि राज्य सरकार के सभी मंत्रियों को इसका पदेन सदस्य बनाया गया है। वहीं प्रमुख सचिव को प्राधिकरण के संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य खेल क्षेत्र में नितिगत निर्णय, खेल से जुड़े विभागों से समन्वय और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के संबंध में निर्णय के साथ ही केंद्र सरकार की खेल विकास योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त करना है। इसके अलावा शिक्षा व खेलों में समन्वय स्थापित करना शामिल है। प्राधिकरण कॉर्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व व अन्य क्षेत्रों से प्राप्त वित्त का खेल क्षेत्र के विकास में उपयोग करेगा। मुख्य सचिव प्राधिकरण के पदेन संयोजक और अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव गृह विभाग, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, सचिव खेल एवं युवा कल्याण, सचिव उच्च शिक्षा, सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, आयुक्त/संचालक खेल एवं युवा कल्याण इसके पदेन सदस्य होंगे। इसका प्रधान कार्यालय संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम जीई रोड रायपुर निर्धारित किया गया है।
पेशेवर मुक्केबाजी से छत्तीसगढ़ को खेलगढ़ में बदलने की तैयारी
मुख्यंत्री श्री बघेल के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में अनेक राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय खेलों के आयोजन सहित पेशेवर मुक्केबाजी का भी रोमांच देखने को मिला। 17 अगस्त को राजधानी के बलवीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी मुकाबले ’द जंगल रंबल’ का आयोजन किया गया जिसमें भारत के मुक्केबाज विजेंदर सिंह और घाना के एलियासु सुले ने हिस्सा लिया। विजेंदर सिंह ने यह मुकाबला जीता और छत्तीसगढ़ में खेलों की अपार संभावनाएँ बताई। श्री बघेल के अनुसार, ’’पेशेवर मुक्केबाजी छत्तीसगढ़ को खेलगढ़ में बदलने का माध्यम बनेगी। छत्तीसगढ़ को एक खेल राज्य ख़ेलगढ़ के रूप में स्थापित करने का प्रयास जारी है। मुक्केबाज़ विजेंदर सिंह की पेशेवर लड़ाई इस योजना को और मजबूत करेगी। हमें न केवल लोगों को प्रोत्साहित करना है बल्कि छत्तीसगढ़ को खेल की महाशक्ति के रूप में पहचान दिलाने के लिए भी तैयारी करनी है।’’
इस वर्ष 8 जून को प्रोफेशनल मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात की थी और छत्तीसगढ़ में प्रोफेशनल बाक्सिंग मैच का आयोजन करने के लिए अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने इस अनुरोध को स्वीकार किया था विजेंदर सिंह लगभग 19 महीनों के बाद रिंग में उतरे । इसके लिए उन्होंने मैनचेस्टर में कड़ी ट्रेनिंग ली। विजेंदर सिंह ने वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।
खेलों के विकास में गुरुचरण होरा का योगदान
छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास में छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण होरा का उल्लेखनीय योगदान है। छत्तीसगढ़ में लॉन टेनिस, शतरंज सहित अनेक खेलों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मुहैया कराने से लेकर आयोजन एवं खिलाड़ियों के सहयोग में उनका विशेष योगदान रहता है। इसी का परिणाम है कि मुख्यमंत्री बघेल के साथ ही महासचिव होरा छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के चुनाव में निर्विरोध पदाधिकारी चयनित हुए।
पिछले वर्ष ही छत्तीसगढ़ राज्य ओलंपिक संघ के महासचिव गुरुचरण सिंह होरा को भारतीय फेंसिंग एसोसिएशन के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। खेलों में महासचिव होरा के योगदान को देखते हुए इस वर्ष जापान के टोक्यो ओलंपिक में उन्हें विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार ओपनिंग सेरेमनी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह पहला अवसर है, जब ओलंपिक में छत्तीसगढ़ से किसी को प्रतिनिधित्व का अवसर मिला। महसचिव होरा ने इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विशेष आशीर्वाद बताते हुए खेलों के विकास में सीएम बघेल के योगदान को अतुलनीय बताया।
शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले की सफल मेजबानी
छत्तीसगढ़ में शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले की सफल मेजबानी की गई। शतरंज ओलंपियाड के 95 साल के इतिहास में भारत को पहली बार 44वें शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी मिली। यह भारत में आयोजित होेने वाला अब तक का सबसे बड़ा खेल आयोजन था जिसमें 187 देशों ने हिस्सा लिया। इसका आयोजन 26 जुलाई से 8 अगस्त 2022 तक चेन्नई में किया गया। इसके पूर्व आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत देश के 75 शहरों में 19 जून से 28 जुलाई तक शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले आयोजित की गई। यह टॉर्च रिले नई दिल्ली से शुरू होकर अलग अलग राज्यों का भ्रमण करते हुए 16 जुलाई को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंची।
अर्जुन पुरस्कार प्राप्त ग्रैंडमास्टर प्रवीण थिप्से ने मशाल छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में सौंपी । बघेल ने मशाल महिला फिडे मास्टर किरण अग्रवाल को दी । बकौल बघेल,‘‘यह बहुत गर्व की बात है कि पहली बार ओलंपिक की तर्ज पर शतरंज ओलंपियाड की भी मशाल रिले आयोजित की गई है। यह मशाल आज राज्य में है और उदीयमान शतरंज खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा का काम करेगी ।’’ उन्होंने 1986 और 1990 में शतरंज ओलंपियाड खेल चुकी अग्रवाल की तारीफ करते हुए कहा कि भावी पीढियों को उनसे प्रेरणा मिलेगी ।