भारत में कई बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की मदद भी ली जाती है। आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियां हैं, जो आपकी सेहत को फायदे पहुंचाने का काम करती हैं। इन्हीं में से एक है त्रिफला। त्रिफला एक ऐसा हर्बल पाउडर है, जिसे तीन अलग-अलग तरह के फलों का उपयोग करके बनाया जाता है।
आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी से त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है। यह पाउडर कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। आपको बाज़ार में इसके कई सप्लीमेंट और टैबलेट भी मिल जाएंगे। लेकिन जैसे किसी भी चीज़ की अति नुकसान कर सकती है, वैसे ही त्रिफला का सेवन भी ज़रूरत से ज़्यादा नहीं करना चाहिए।
आइए जानें कि ज़रूरत से ज़्यादा त्रिफला खाने से क्या नुकसान हैं?
1. त्रिफला से पाचनक्रिया पर असर पड़ सकता है। इसका ज़रूरत से ज़्यादा सेवन दस्त, पेट की तकलीफ, गैस और कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि त्रिफला एक हल्का लेक्सेटिव है, जिसे पाचन खराब हो सकता है। इसलिए अगर इस तरह के लक्षण महसूस हों, तो त्रिफला का सेवन रोक दें।
2. प्रेग्नेंसी के दौरान इससे कई तरह की समस्याएं शुरू हो सकती हैं। त्रिफला में हरतकी नामक एक तत्व होता है, जो गर्भावस्था के दौरान सेवन के लिए सुरक्षित नहीं है। यह बच्चे के साथ-साथ मां पर भी हानिकारक प्रभाव डाल सकता है और इसलिए बेहतर होगा कि आप गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन से बचें।
3. त्रिफला के सेवन से आपका ब्लड प्रेशर गिर सकता है। त्रिफला पाउडर में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, लेकिन इसकी ज़्यादा मात्रा के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। ब्लड प्रेशर के स्तर का गिरना एक अच्छा संकेत नहीं माना जाता है।
4. यह आपकी दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकता है। पाउडर शरीर में एंज़ाइम्स के काम को प्रभावित कर सकता है। जिसकी वजह से दवाएं ठीक से काम नहीं कर पातीं। इसलिए बेहतर होगा कि आप त्रिफला चूर्ण के अधिक सेवन से बचें।