OFFICE DESK :- पानी सीपेज होने से जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर बघमरा रेलवे फाटक में अंडरब्रिज बनाने का औचित्य नहीं रहेगा। अगर बना भी देंगे तो अनुपयोगी साबित होगा।
इस स्थिति में ओवरब्रिज बनाना ही उपयुक्त होगा। ऐसा रिपोर्ट सर्वे के आधार पर तैयार कर सेतु विभाग ने रेलवे विभाग को सौंप दिया है। हालांकि कब सर्वे हुआ, रिपोर्ट कब सौंपा गया।
इस संबंध में कोई स्पष्ट बता नहीं पा रहे हैं। पिछले 3 साल से यातायात का दबाव बढ़ने से क्षेत्रवासी ओवरब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। रेलवे यहां अंडरब्रिज बनाने का प्लान बना रहे थे।
जिसका कोई औचित्य नहीं है। पाररास के बगल बूढ़ापारा क्षेत्र में अंडरब्रिज बना है, उसमें पानी भरा हुआ है। पाररास रेलवे फाटक के बगल में नाली है, जहां शहर के कई वार्डो का गंदा पानी आता है।
फिलहाल रेलवे व सेतु विभाग के अफसर मंथन कर रहे हैं। अभी क्या बनेगा, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। सोमवार को सुबह 10.08 से 10.20 बजे तक रेलवे गेट बंद होने से लोग परेशान रहे। गेट खुलने का इंतजार करते रहे।
सुबह 10 से 10.30 बजे के बीच गेट बंद
रोजाना रेलवे फाटक से गुजरकर काम के सिलसिले में बालोद जाने वाले रोमेश साहू, विनोद ठाकुर, अजय साहू, भुवन साहू, ढालेश्वर, चंद्रकांत, विश्वकांत, चंद्रशेखर भारद्वाज ने बताया
कि सुबह 10 से 10.30 बजे के बीच, दोपहर 3 से 4 बजे के बीच और रात 8 से 9 बजे के बीच के अलावा अलग-अलग समय पर रेलवे फाटक का गेट बंद होने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
पहले जब बायपास मार्ग नहीं बना था तब बड़ी गाड़ियां नहीं गुजरती थी इसलिए जाम की स्थिति नहीं बनती थी जब से बायपास बना है, हर 10-15 मिनट के अंतराल में कई गाड़ियां रेलवे फाटक से क्रास हो रही है।
15 मिनट करते हैं गेट खुलने का इंतजार
रोजाना जब भी गेट बंद हाेता है, लोगों को 10 से 15 मिनट तक खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। कई बार सिग्नल नहीं मिलने की वजह से पटरी पर ही मालगाड़ी ट्रेन के पहिए थम जाते हैं।
ट्रेन गुजरने के 5-10 मिनट पहले ही गेट को बंद कर दिया जाता है। ट्रेन गुजरने के 2 से 5 मिनट बाद गेट खोला जाता है। इस दौरान लोग परेशान होते रहते हैं। लोग यहां अंडरब्रिज के बजाय ओवरब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं।
इसे ध्यान मंे रखते हुए जनप्रतिनिधियों ने भी रेलवे विभाग से ओवरब्रिज बनाने की मांग की है लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है। न ही अंडरब्रिज बनाने को लेकर सहमति मिल पाई है, सिर्फ प्लानिंग बनी है।जो कागजों तक ही सीमित है।
ओवरब्रिज की मांग इसलिए कर रहे लोग
बायपास बनने से रोजाना सैकड़ों गाड़ियां गुजर रही है। इसलिए अंडरब्रिज के बजाय ओवरब्रिज बनाना उचित होगा। बालोद शहर में यातायात का दबाव न बढें।
इसलिए पड़कीभाट से पाररास तक बायपास मार्ग का निर्माण किया गया है। जहां रोजाना सैकड़ों बड़ी मालवाहक गाड़ियां गुजरती है। ऐसे में पाररास की तर्ज पर निचले स्तर पर अंडरब्रिज बनने से गाड़ियां गुजरने के दौरान जाम की स्थिति ही बनेगी।
साथ ही कई बड़ी गाड़ियां क्रास नहीं हो पाएगी। अगर गुजरेगी भी तो दोपहिया, साइकिल में सवार लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
इसके अलावा सेतु विभाग का भी तर्क है कि अंडरब्रिज बनाने से पानी भरेगा। लिहाजा लोगों के अलावा जनप्रतिनिधि भी रहे है कि यहां ओवरब्रिज बनें ताकि ऊपर से होते हुए सभी गाड़ियां आसानी से गुजर सकें।