जगदलपुर। जिला जज के आदेश से न्यायालयों के प्रस्तुतकार, प्रभारी कार्यालय आदि में जरुरी अभिलेखों के अलावा सारे अभिलेख अपनी देखरेख और सुरक्षा में लेकर आलमारियों में सील बंद कर चाबियां तक अपनी सुरक्षा में रख ली है। बस कुछ जरुरी ताजा रिमांड या सुपुर्दनामें के आवेदन पर सुनवाई हो रही है।
न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारी के हड़ताल का असर जिला न्यायालय की सभी अदालतों में रोजाना सुनवाई के लिए करीब 500 मामले लगते हैं। इनमें 10 प्रतिशत मामलों के जेल पक्षकार में अभिरक्षाधीन बंदी के रूप में रहते हैं। इसके अलावा 20 प्रतिशत मामलों से जुड़े पक्षकार महिला-बच्चे आदि होते हैं, जिन्हें परिवार अदालत से होने वाले आदेश से राहत मिलती है। अधिवक्ता अवधकिशोर शर्मा बताते हैं हाल ही में सुप्रीमकोर्ट के आदेश से जेल में बंद आरोपियों के मामले में वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए सुनवाई शुरु करवाई थी वह भी ठप पड़ी है।