दुर्ग जिले में भारत रूस की मित्रता के प्रतीक भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग पूरे देश में सफेद शेरों की नर्सरी के लिए जाना जाता है। लेकिन आज इस नर्सरी में सन्नाटा पसर गया। क्योंकि आज से यहां किशन (सफेद नर शेर) की दहाड़ नही सुनाई देगी। आज किशन हमेशा के लिए शांत हो गया, यानी मैत्री बाग के नौ वर्षीय किशन का निधन हो गया है।
इस घटना से पूरे मैत्री बाघ और उद्यानिकी विभाग में शोक व्याप्त है। क्योंकि किशन का जन्म मैत्री बाग में जन्म हुआ था। इस नर शेर किशन की उम्र नौ वर्ष थी। इसका जन्म 2013 में हुआ था। इसके पिता का नाम सुन्दर और माता(शेरनी) का नाम कमला था। किशन ने जाने से सफेद शेर के बाड़े में मायूसी छा गई है। किसन लगभग दो साल से कैंसर से पीड़ित था और इसका इलाज मैत्री बाग के चिकित्सक और अंजोरा पशु चिकित्सालय के वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ चिकित्सक के मार्गदर्शन में चल रहा था। अथक प्रयासों के बावजूद इसे नहीं बचाया जा सका। वन विभाग के अधिकारी कंजरवेटर आफ फारेस्ट, डी एफ ओ और एसडीओ, दुर्ग व शासकीय चिकित्सक की मौजूदगी में आज ही इस शेर का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया।