प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant नौसेना को सौंप दिया| INS Vikrant की खास बात ये है कि यह एक स्वदेशी युद्धपोत है| इसे 2009 में बनाना शुरू किया गया था| पीएम मोदी ने नौसेना के नए निशान का भी अनावरण किया| नौसेना का नया निशान औपनिवेशिक अतीत से दूर और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से लैस है| नए निशान से सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है| अब ऊपर बाईं ओर तिरंगा बना है| बगल में नीले रंग के बैकग्राउंड पर गोल्डर कलर में अशोक चिह्न बना है| इसके नीचे संस्कृत भाषा में ‘शं नो वरुणः’ लिखा गया है|
प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले समय में इंडो-पैसिफिक रीजन और इंडियन ओशन में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरंदाज किया जाता रहा| लेकिन, आज ये क्षेत्र हमारे लिए देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है| इसलिए हम नौसेना के लिए बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक, हर दिशा में काम कर रहे हैं|
उन्होंने कहा कि, विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी| अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है| पीएम ने कहा, आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है| आज भारत ने, गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है| आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है| अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी| लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा|
पीएम ने आगे कहा, INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है| ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है| इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है| आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है| आज INS विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है|