कोरबा। CG NEWS प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री व कोरबा के स्थानीय विधायक जयसिंह अग्रवाल (MLA Jaisingh Agarwal) की मांग पर प्रदेश सरकार ने सैद्वांतिक सहमति जताते हुए कोरबा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया था। विगत कोरबा प्रवास पर आए मुख्य मंत्री भूपेश बघेल से कोरबावासियों की आवाज बनकर जयसिंह अग्रवाल ने यह मांग रखी थी जिस पर मुख्य मंत्री ने मंच से ही इसकी स्थापना के लिए सहर्ष घोषणा किया था। इतना ही नहीं औपचारिक रूप से विगत वर्ष ही इसका उद्घाट्न किया गया था और आरंभिक तौर पर कक्षाओं के संचालन की व्यवस्था कोरबा आई.टी. कॉलेज परिसर में तय किया गया था।
इस बीच करीब तीन बार राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज संचालन के लिए आवश्यक उपलब्ध सुविधाओं जैसे कि ढांचागत अधोसंरचना की सुविधा, प्रयोग शालाएं, पुस्तकालय, छात्रावास, चिकित्सालय और उपलब्ध अन्य सुविधाओं के साथ तकनीकी सुविधाएं जैसे अनुभवी विशेषज्ञों की उपलब्धता, शिक्षण सुविधाएं, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता के साथ ही अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता आदि के संबंध में गहन भौतिक निरीक्षण के लिए कोरबा प्रवास पर आए।
प्रायः हर बार कुछ न कुछ कमियां पाई जातीं और ऐसे कारणों से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की अनुमति का मामला अटक जाया करता था। तीन बार ऐसा होने से कोरबावासियों को निराशा होने लगी थी कि अब कोरबा अंचल को मिली मेडिकल कॉलेज की सौगात अस्तित्व में नहीं आ पाएगी।
इन विषम परिस्थितियों में जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा के औद्योगिक महत्व और उद्योग जनित अनेक रोगों से ग्रसित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए कोरबा में मेडिकल कॉलेज स्थापना की आवश्यकता पर बल देते हुए उच्च स्तर पर अपनी बात को रखा और जानना चाहा कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग को किन महत्वपूर्ण विन्दुओ पर आपत्ति हो रही है जिसके लिए स्वीकृति प्रदान करने में समस्या आ रही है। राजस्व मंत्री जी को ज्ञात हुआ कि सबसे बड़ी समस्या मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए ढांचागत संरचना निर्माण करने के लिए आवश्यक भूमि की कमी आई.टी. महाविद्यालय परिसर में है। पूर्व में आई.टी. महाविद्यालय सेे लगी हुई 25 एकड़ भूमि को भी आवंटित किया गया था जो पर्याप्त नहीं प्रतीत हो रहा था और अन्य स्थान पर भूमि चयन जारी था] अतएव राजस्व मंत्री की अनुशंसा पर आई.टी. कॉलेज के सामने स्थित बांस बाड़ी क्षेत्र को मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए आवंटित कर दिया गया।
कोरबा जिला चिकित्सालय के साथ ही अनुभवी विशेषज्ञ मेडिकल प्रोफेसरों की भर्ती की जा चुकी है और आवश्यकता के अनुरूप नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ भर्ती भी काफी हद तक की जा चुकी है और स्टॉफ की कमी को दूर करने की प्रक्रिया जारी है।
राष्ट्रीय आयुविज्ञान आयोग के अण्डर ग्रेजुएट सेक्शन] मेडिकल एसेसमेंट एण्ड रेटिंग बोर्ड एमएआरबी] सदस्य सह अध्यक्ष द्वारा दिनांक 2 सितम्बर] 2022 को कोरबा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सह डीन को सम्बोधित पत्र में उक्त सहमति जताई गई है। बोर्ड ने पत्र में सपष्ट तौर पर लिखा है कि
The Medical Assessment and Rating Board (MARB) has reviewed the further information submitted and clarifications on the deficiencies on virtual hearing and following:
AAPPROVED FOR 100 MBBS SEATS
आयोग ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि उपर्युक्त के सम्बंध में शिक्षण सत्र 2022-23 से एम.बी.बी.एस. की 100 साटें संचालित करने अथवा आवश्यकतानुसार सीटें बढ़ाने के लिए प्रदान किए जाने के संबंध में आयोग आवश्यक दस्तावेजो / अण्डरटेकिंग प्राप्त कर आवश्यक अनुमति जारी करेगा।
पत्र आगे बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज में शिक्षण सत्र 2022&23 से एम.बी.बी.एस. सीटे पर प्रवेश देने के लिए आयोग द्वारा समय-समय पर जारी परिपत्रों अथवा अनुदेशों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी की जाएं। कोरबा में शासकीय मेडिकल कॉलेज का सपना साकार होने पर कोरबावासियों में हर्ष व्याप्त है विशेषकर विद्यार्थियों में जो बाहर जाकर पढ़ाई करने में असमर्थ रहते थे।
राजस्व मंत्री ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री माननीय डॉ. मनसुख एल. मांडविया जी, माननीय विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत जी,
माननीया सांसद ज्योत्स्ना चरणदास महंत जी एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस नई शुरुआत के लिए कोरबावासियों को हार्दिक बधाई दी।