जगदलपुर। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि विश्वास, विकास, सुरक्षा की त्रिवेणी योजना बस्तरवासियों के लिए कारगर साबित हो रही है।
कैंप की स्थापना से पुलिस के जवान नक्सलियों को खदेड़ने में सफल रहे हैं। नक्सल प्रभावित 2710 गांव में 589 ग्राम को नक्सलियों से मुक्त करा लिया गया है।
नक्सलियों के आतंक के कारण बंद पड़े 257 स्कूलों को पुन: प्रारंभ करा दिया गया है। बावजूद इसके आज भी नक्सल प्रभावित ग्रामों की संख्या अधिक है, जिसके नक्सल मुक्त हुए बिना बस्तर में शांति और विकास की परिकल्पना करना दिवा स्वप्र ही कहलायेगा।
उन्होंने बताया कि बस्तर अंचल के 994 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 2710 गांव में नक्सलियों का हस्तक्षेप होता था। उनमें से 589 गांव को नक्सलियों से मुक्त करा दिया गया है।
इन गांव में शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचने लगा है। बस्तर आईजी ने बताया कि सुरक्षा कैंपों के माध्यम से आरआरपी योजना के तहत बस्तर अंचल में स्वीकृत 51 सड़कों में से 16 सौ किमी सड़कों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
वहीं शेष बचे सड़क निर्माण का कार्य भी सुरक्षबलों की मदद से कराया जायेगा। प्रति वर्ष औसतन 15 बेस कैंप प्रारंभ किये जाकर नक्सल उन्मूलन अभियान को गति प्रदान की जा रही है। नक्सल आतंक के कारण बस्तर संभाग अंतर्गत कुल 363 स्कूल बंद थे, जिनमें से 257 स्कूलों को पुन: प्रारंभ किये गये हैं।