नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के लिए विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वालों को बचाने के लिए कुछ समूह आगे आ रहे हैं और एक गुट मेें संगठित हो रहे है। लेकिन भाजपा के पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को ही भ्रष्टाचार के मामले पर घेरते हुए कहा कि नोटबंदी में जाली नोटों को असली नोटों से धडल्ले से बदला गया ओर इसी वजह से आरबीआई आज भी नोटबंदी की फाइनल टेैली का खुलासा नही करता है। राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का सवाल जायज है कि नोटबंदी को हुए 6 साल बाद भी आंकड़ा मोदी सरकार सार्वजनिक क्यों नही कर रही है।
स्वामी के मोदी सरकार पर आरोप के बाद भी ईडी और सीबीआई नही कर रही कार्यवाही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के मामले पर विपक्ष को घेरने का कोई भी मौका नही गंवाते है, केरल प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि भ्रष्टाचार मेें लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाही के कारण राष्ट्रीय राजनीति में धुर्वीकरण हो रहा है, उनके इस आरोप के बाद राजनीति पारा फिर से गर्माने लगा है, वही भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार की नोटबंदी पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर मोदी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ी जा रही जंग की हवा निकालने की कोशिश की है। श्री स्वामी का कहना है कि मोदी सरकार की नोटबंदी के दौरान अधिकांश नकली नोटों को नए और असली नोटों से बदला गया, इसलिए आरबीआई आज भी फाइनल टैली का खुलासा करने से इंकार कर रही है।आरबीआई गवर्नरों को मुद्रा धोखाधड़ी पर उनकी नरमी के लिए चुना जाता है। उल्लेखनीय है कि चीन के लद्दाख सीमा पर अतिक्रमण के मामले पर भी सुब्रमण्यम स्वामी मोदीसरकारको घेरते रहे हे लेकिन इसके बाद भी मोदी सरकार ने अभी तक अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की तरह ईडी ओर सीबीआई की कोई कार्यवाही नही की है। भाजपा नेता नोटबदंी में जाली नोटों को बदलने का सवाल ठीक नेशनल हैराल्ड मामले के आरोपों की तरह ही मजबूत दिखाई देते है, लेकिन भाजपाई नेता नेशनल हेराल्ड मामले पर जितनी सक्रियता दिखाते है वैसी सक्रियता स्वामी के नोटबंदी के आरोपों पर नही दिखा रहे है, जो बताता हे कि राष्ट्रहित की लड़ाई लडऩे का दावा करने वाले भाजपाईयों को कांग्रेस का भ्रष्टाचार देश बेचने वाला लगता है लेकिन मोदी सरकार का भ्रष्टाचार देश को मजबूती प्रदान करने वाला लगता है। सवाल यह है मोदी सरकार की भ्रष्टाचार की खिलाफ जंग सिर्फ और सिर्फ विपक्ष तक ही सीमित रहने से कैसे देश से भ्रष्टाचार खत्म हो पायेगा? यह ऐसा सवाल है जो धीरे धीरे ही सही आम जनता के बीच भी जगह बनाने लगा है, जो आने वाले समय में मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।