बीजापुर। बीजापुर के उसूर विकास खंड के विस्थापित कोरसागुडा बालक आश्रम में पढ़ने वाले कक्षा 6वीं के छात्र (12 साल) ने फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। लेकिन ऐन मौके पर इसी आश्रम में कार्यरत चपरासी ने छात्र को फंदे पर लटकता देखा तो तुरंत उस बच्चे को फंदे से निकाल नीचे उतार लिया। छात्र का अभी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
दरअसल, यह पूरा मामला अवापल्ली के बालक आश्रम का है। जानकारी के अनुसार छात्र आश्रम में खाना खाने के बाद शाला समय पर प्रार्थना भी किया। इसके बाद अचानक आश्रम में प्रवेश करते फांसी लगाया। लटकते पाये जाने पर भृत्य ने छात्र को निकाल अस्पताल पहुंचाया। आवापल्ली में इलाज के बाद बीजापुर रिफर किया गया। बीजापुर के चिकित्सक के अनुसार छात्र के गले के नसों में खिंचाव होने से तकलीफ है। बात करने की स्थिति में नहीं है। अभी आपात कक्ष में भर्ती है।
आश्रम के छात्र के फांसी लगाने के संबंध में मंडल संयोजक सत्यम पुनेम ने बात करने पर बताया कि छात्र क्यों फांसी लटका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। आवापल्ली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस विभाग के द्वारा जांच शुरू कर दिया गया है।
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने की जांच की मांग
पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि आश्रम के छात्र द्वारा आत्महत्या का प्रयास करना चिंतनीय है। जिले में वैसे भी क़़ई छात्र मलेरिया व अन्य बीमारी से पीड़ित है। भाजपा के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि इस आत्महत्या के पीछे क्या कारण हो सकते हैं इसकी प्रशासन जांच करायें।