Railway Land Licensing Fee: रेलवे को लेकर मोदी सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने रेलवे की जमीन को लीज पर देने का समय 5 साल से बढ़ाकर 35 साल किया है। इसके अलावा, रेलवे की जमीन के रेलवे लैंड लीज (LLF) की फीस में कटौती का फैसला हुआ। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में रेल लैंड लीज में बदलाव को मंजूरी मिली है।
LLF में बड़ी कटौती का फैसला
रेलवे की जमीन के LLF में बड़ी कटौती का फैसला हुआ है। लैंड लाइसेंस फीस 6% से घटाकर 1.5% किया गया है। जमीन की बाजार कीमत पर अब 1.5 फीसदी लैंड लीज फीस लिया जाएगा। इसमें 1 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से फीस देनी होगी।
पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए रेलवे की लैंड लीज में संशोधन
अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए रेलवे की लैंड लीज में संशोधन किए गए हैं। अगले 5 सालों में 300 से ज्यादा पीएम गति शक्ति टर्मिनल बनाए जाएंगे। इससे 1.25 लाख से ज्यादा रोजगार के मौके बनेंगे।
किसको मिलेगा लाभ?
रेलवे की जमीन को लीज पर देने का समय बढ़ाने से सरकारी कंटेनर कंपनी कॉन्कोर को बड़ा लाभ मिलेगा। 2020 तक कॉन्कोर सरकारी कंपनी होने के नाते रियायती दरों पर लीज का लाभ लेती रही थी। हालांकि, उसके बाद सरकार ने फरमान जारी किया अब सरकारी और प्राइवेट कंपनियों से एक समान लीज फीस वसूली जाएगी। इससे कॉन्कोर को 6 फीसदी फीस का भुगतान करना पड़ रहा था और उसके मुनाफे पर इसका प्रभाव पड़ रहा था।