जैसा भाजपा ने डी पुरंदेश्वरी के साथ किया
प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में हुए सभी उपचुनाव में भाजपा को पराजय मिलने के बाद भाजपा आलाकमान आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नई टीम के साथ चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया है। भाजपा ने उत्तरप्रदेश प्रभारी ओम माथुर को छत्तीसगढ़ की कमान सौंप कर स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए तुरूप के पत्ते का उपयोग करते हुए अपने अनुभवी व सफल नेता को छत्तीसगढ़ में तैनात की है, गौरतलब है कि पार्टी ने उनकी क्षमता को देखते हुए ही केंद्रीय चुनाव समिति में भी शामिल किया है। सह प्रभारी नितिन नबीन को नही हटाया गया है लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पार्टी उन्हें भी जल्द ही हटा देगी। इसके बाद निश्चित ही संगठन के अन्य पदाधिकारियों की भी छुट्टी होगी।प्रदेशाध्यक्ष, प्रतिपक्ष नेता के बाद प्रदेश प्रभारी भी बदला भाजपा ने
भाजपा आलाकमान ने प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को उस वक्त हटाया जब वह भाजपा कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक कर रही थी। जो यही संदेश देता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को हटाने की मुहर लगाने के बाद ही दिल्ली से रायपुर के लिए उड़ान भरी थी, क्योकि यह बदलाव बगैर राष्ट्रीय अध्यक्ष की जानकारी के बगैर संभव नही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि डी पुरंदेश्वरी को जिस तरह से हटाया गया क्या उनका अपमान नही है? लेकिन भाजपा के अंदर यह सवाल उठाने का साहस किसी में नही है, हर नेता आलाकमान के सामने नतमस्तक है।
छत्तीसगढ़ में प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार साय की जगह अरूण साय को दिल्ली के निर्देश पर कमान सौंपी गई, उसी तरह ही प्रतिपक्ष नेता धरमलाल कौशिक को हटा कर उनकी जगह नारायण चंदेल को प्रतिपक्ष नेता बनाया गया, लेकिन पार्टी के अंदर कुछ भी हलचल नही हुई । उसी तर्ज पर ही प्रदेश प्रभारी को हटाया गया, जिस दिन प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को हटाया गया उस दिन तो हटाये जाने की उम्मीद बिलकुल भी नही रही होगी, लेकिन जब गोदी मीडिया मोदी सरकार से सवाल नही पूछ सकता है तो फिर भाजपा नेता कैसे पूछ सकते है। भाजपा ने छत्तीसगढ की कमान अपने अनुभवी नेता ओम माथुर को सौंप कर स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ विधानसभा की भाजपा किलेबंदी करने शुरू कर अपने ताकतवर मोहरों को तौनाती करने लगी है। मोदी सरकार यह बिलकुल भी नही चाहते कि उनके रहते कांग्रेस सत्ता में किसी भी तरह से वापसी कर देश की जनता को यह बता सके कि कांग्रेस भी मोदी सरकार को हरा कर अपनी सरकार बचा सकती है।