नक्सालियों की आमदनी का जरिया छीना पुलिस ने – एसपी
जगदलपुर। पुलिस ने बस्तर जिले में नक्सालियों की अर्थव्यवस्था को लगभग ध्वस्त कर दिया है। लगातार गांजा तस्करी के मामले पकड़ कर पुलिस ने नक्सालियों की आमदनी का बड़ा जरिया छीन लिया है। पुलिस ने ढाई साल के भीतर 7 करोड़ रुपये से भी अधिक का गांजा बरामद कर तस्करो को सलाखों क पीछे पहुंचाया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा के बस्तर में कमान संभालने से लेकर अब तक अपराधियों पर नकेल कसने में बेहतर सफलता मिली है।
मीणा के बेहतर सूचनातंत्र एवं स्टाफ की सक्रियता का परिणाम है कि गांजा तस्करों तथा इस तस्करी में योगदान देने वाले नक्सलियों की कमर तोडऩे में बस्तर पुलिस सफल रही है।
पुलिस कप्तान के कुशल नेतृत्व के कारण विगत 30 माह में गांजा तस्करों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 करोड़ से अधिक का गांजा जब्त कर 300 से अधिक तस्करों को हवालात भी भेजा जा चुका है।
ढाई वर्षो में गांजा के 163 प्रकरण दर्ज किये गये है जिसमें नगरनार पुलिस गांजा तस्करों पर कार्रवाई करने में सबसे आगे है जहां 72 प्रकरण दर्ज किये गये है। गांजा तस्करों पर बस्तर पुलिस की लगातार ह़ई कार्रवाई से नक्सलियों की कमर भी टूटी है।
जानकारों की माने तो गांजा तस्करी से नक्सलियों को बड़ी आमदनी प्राप्त होती है। सूत्रों के मुताबिक उडीसा के मलकानगिरी से गांजा तस्करी करने में नक्सली सक्रिय है।
ज्ञातव्य हो कि सीमावर्ती राज्य उड़ीसा के मलकानगिरी इलाके में बड़े पैमाने पर गांजा की खेती की जाती है। गांजा की तस्करी से नक्सलियों की मोटी कमाई होती है।
गांजा तस्करों के खिलाफ बस्तर पुलिस की लगतार हुई कार्रवाई से नक्सलियों की कमर भी टूटी है। गांजा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं जंगलों के रास्ते बस्तर होते हुए छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कई नगरों और कसबों में पहुंचाया जाता रहा है
लेकिन बस्तर पुलिस कप्तान के चक्रव्यूह में गांजा तस्कर फंसते गये और बस्तर पुलिस को नशीले पदार्थो की तस्करी रोकने के मामले में बड़ी सफलता मिली है। गांजा तस्करों से लाखों के लग्ज़री वाहन भी जब्त किये गये है।
बस्तर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जीतेन्द्र सिंह मीणा ने चर्चा में बताया कि गांजा तस्करों सहित नशीली पदार्थो की तस्करी रोकने को लेकर सूचनातंत्र अहम कड़ी होती है।
उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र को मजबूत कर गांजा तस्करों पर नकेल कसने में बड़ी सफलता मिली है। 30 माह में गांजा तस्करों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी देते हुए बताया
कि विभिन्न थानों में गांजा के 163 प्रकरण दर्ज कर 7 करोड़ 10 लाख से अधिक का गांजा बरामद कर 300 से भी अधिक गांजा तस्करों को हवालात भेजा जा चुका है।
वर्ष 2020 में गांजा के 58 प्रकरण दर्ज किए गये जिसमें तीन करोड़ 15 लाख, वर्ष 2021 में 55 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें 2 करोड़ 66 लाख 95 हजार एवं जनवरी 2022 से 31 अगस्त तक 55 प्रकरण दर्ज कर 1 करोड़ 27 लाख 94 हजार का गांजा जप्ती की कार्रवाई की गई है।
नगरनार थाने में सर्वाधिक प्रकरण पुलिस कप्तान मीणा के कुशल नेतृत्व में कई थाना प्रभारियों ने बेहतर कार्य करते हुए अपने कप्तान की उम्मीदो पर खरा उतरने में सफलता पाई है।
इसमें नगरनार थानेदार की बड़ी भूमिका रही है। 30 माह के आंकड़ों पर नजर डाली जाये तो 72 प्रकरण नगरनार थाने में दर्ज है जो सबसे अधिक है। इसी मार्ग से गांजा की तस्करी की जाती है।
करपावण्ड पुलिस 30 माह में महज एक ही प्रकरण दर्ज कर पाया। एसपी मीणा ने बताया कि गांजा तस्करों के साथ अन्य नशीले पदार्थो की तस्करी में लिप्त लोगों की धरपकड़ के लिए अभियान सतत जारी रहेगा
सभी थानेदारों को नशीले पदार्थो के खरीदी बिक्री एवं परिवहन पर रोक लगाने विशेष हिदायत दी गई है। गांजा तस्करी के साथ-साथ नशीली दवाएं बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिसमें टेबलेट, कैप्सूल, सीरप सहित अन्य नशीले पदार्थो के खिलाफ भी कार्यवाही की गई है।