बिलासपुर: मृत्यु की दशा को याद करेंगे तो पाप से बचोगे, मृदुल जी महाराज श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित कुंदन पैलेस में परशुराम सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास गद्दी से राजा सुग्रीव व परीक्षित संवाद की कथा सुनाई।
पंडित मृदुल शास्त्री जी महाराज ने कथा का श्रवण पान करने पहुंचे लोगो को श्रीमद् भागवत कथा का एक खंड सुनाते हुए। कहां की रात्रि सोने में निकल जाता है ।
और दिन धन कमाने में भगवान के लिए समय कहां हैं। उन्होंने राजा सुग्रीव व परीक्षित संवाद का जिक्र करें हुए उन्होंने बताया कि भागवत कथा में कहा गया है।
मृत्यु का भय नहीं होना चाहिए। बल्कि मृत्यु को याद करेंगे तो। पाप से बचेंगे देव व असुरों के युद्ध की कथा सुनाते हुए उन्होंने बताया कि अयोध्या के राजा खटवांग इस युद्ध में देवताओं की ओर से शामिल हुए जिनके पराक्रम से देवताओं की जीत हुई जिस पर राजा इंद्र ने उन्हें कुछ मांगने कहा जिस पर वे बोले पूरा युद्ध जीतकर मैंने आपको स्वर्ग दे दिया है मुझे कुछ नहीं चाहिए।
बल्कि आप मेरी बची उम्र बताएं जिस पर उन्हें शेष आयु 4 घंटे बताया गया। जिसे सुनकर वे तत्काल अयोध्या लौटे और राजपाट को दूसरे को सौंपने के बाद मृत्यु को याद करते हुए सरयू नदी के किनारे जाकर बैठ गये इस अवसर पर शास्त्री जी ने प्रभु मेरे जीवन को जीवन बना दो जगत जात का मनसे झगड़ा मिटा दो भजन का लोगों को श्रवण कराया।