अमेरिका सरकार ने पाकिस्तान की सुरक्षा की मजबूती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहमति ली या नही? यह बात गृहमंत्री अमित शाह को देश की जनता को बताना चाहिए, क्योकि उन्होनें देश की जनता को यह बता चुके है कि आज दुनिया में कोई भी समस्या हो, जब तक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान नही आता, दुनिया कभी भी समस्या पर अपना विचार तय नही करती।
पाकिस्तान भारत के लिए समस्या बना हुआ है, ऐसे में अमेरिकी सरकार कैसे भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए जो सहायता बगैर मंजूरी के कैसे कर सकती है।
भारत सरकार पाकिस्तान को विश्व के हर मंच में आंतकवादी देश बताने की हर संभव कोशिश करता रहा है।बाइडेन सरकार ने पाकिस्तान को रक्षा व सुरक्षा सहायता पर 2018 में ट्रंप सरकार द्वारा रोक लगाई जाने के बाद यह सबसे बड़ी सहायता सुरक्षा सहायता है।
जिसके तहत पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी है। राजनीतिक जानकार का मानना है कि पाकिस्तान को इतनी बड़ी सहायता राशि दिया जाना भारत के साथ साथ मोदी सरकार के भी झटका है, क्योकि दुरिया में मोदी सरकार का डंका बजने के बाद भी पाकिस्तान को इतनी बड़ी सैन्य सहायता कैसे मिल गई। क्योकि गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ हफ्तों पूर्व देश की जनता को यह बताया था कि आज दुनिया किसी भी मुद्दे पर तब तक कोई फैसला नही लेती जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी राय नहीं देते, भारत को इस तरह से सम्मानित देखने के लिए लाखों लोगों ने अपनी प्राणों की आहुति दी है। गृहमंत्री के इस बयान से मोदी समर्थकों के चेहरे में चमक आ गई थी लेकिन आज मोदी समर्थक के साथ ही देश की जनता अमित शाह से यह जानना चाहती है कि बाइडेन सरकार ने पाकिस्तान को यह सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहमति ली या नही? क्योकि यह सैन्य सहायता भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान से जूडा मामला है, जिसका सर्वाधिक नुक्सान भारत को ही होगा। बाइडेन सरकार ने इतना बड़ा फैसला मोदी सरकार के सहमति लिए बगैर कैसे ले लिया जब भारत विश्व गुरू बनने जा रहा है।