बस्तर जिले के विभिन्न स्थानों में संचालित गतिविधियों का किया अवलोकन
काॅफी टेबल बुक का किया अनावरण
जगदलपुर / यूनिसेफ इंडिया के प्रतिनिधि यासूमासा किमूरा को बस्तर की सुंदरता और यहां की संस्कृति बहुत पसंद आई। यहां के लोगों के सरल स्वभाव ने भी दिल जीता। अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान सोमवार को बस्तर आर्ट गैलरी में युवोदय की गतिविधियों पर आधारित काॅफी टेबल बुक के अनावरण के अवसर पर उन्होंने यह बातें कही। इस अवसर पर उनके साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जाॅब जकारिया, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ में सोशल एंड बिहेवियर चेंज प्रमुख अभिषेक सिंह उपस्थित थे।
किमूरा ने पेंटिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बच्चों की कलाकृतियां और युवोदय के स्वयंसेवकों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता एवं जल, आजीविका, पर्यटन एवं संस्कृति, कोविड नियंत्रण, खेल गतिविधि, लोगों तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए युवोदय के स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेतु कार्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का भी उन्होंने अवलोकन किया। इसके साथ ही यहां युवोदय के सदस्यों द्वारा पोषण पर आधारित लघु नाटिका का मंचन भी किया।
किमूरा ने कहा कि वे आज बस्तर जिले में चित्रकोट, सोनारपाल, फाफनी और जाटम में युवोदय की विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए युवोदय के स्वयंसेवकों की लगन को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बस्तर में युवोदय द्वारा किए जा रहे कार्यों की चर्चा अब राष्ट्र स्तर हो रही है। उन्होंने युवोदय के स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दीं।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास ने कहा कि युवोदय के स्वयंसेवकों ने कोविड नियंत्रण से लेकर मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षा की अलख को जगाए रखने जैसे कार्य किए गए। सुदूर अंचलों में युवोदय के स्वयंसेवक शासन और ग्रामीणों के बीच सेतु का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे जब किसी नई जगह पदस्थ होंगे, वहां भी इस माॅडल को लागू करेंगे।
छत्तीसगढ़ यूनिसेफ के प्रमुख जाॅब जकारिया ने कहा कि आज से दो साल पहले जब युवोदय कार्यक्रम की शुरुआत हो रही थी, तब बहुत से लोगों का यह मानना था, कि यह दो माह के भीतर ही समाप्त हो जाएगा, किन्तु यह आज दो साल बाद भी सफलतापूर्वक चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक माॅडल है और यूनिसेफ के ग्लोबल रिपोर्ट में भी इसकी चर्चा है।
उल्लेखनीय है कि किमूरा अपने तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन चित्रकोट में आयोजित बैठक में युवोदय के गतिविधियों की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने यहां माध्यमिक शाला का अवलोकन किया और शैक्षणिक गतिविधियां और स्वच्छता संबंधी चर्चा की। उन्होंने बस्ताविहीन शिक्षा के लिए प्रारंभ किए गए सेफ सेटरडे के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने चित्रकोट में देवगुड़ी का भी अवलोकन किया और समाज में व्यवहार परिवर्तन में पुजारियों के भूमिका के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने सोनारपाल में पंचायती राज प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और क्षमतावर्धन कार्यक्रम का अवलोकन किया। इसके साथ ही फाफनी में स्वाभिमान कार्यक्रम के तहत मोचो मानगुन की चर्चा में शामिल हुए व जाटल में सेफ स्पेस लर्निंग सेंटर का अवलोकन किया।