भारत ऐसे हाईवेज( indian highways) बना रहा है, जिस पर चलते हुए ही गाड़ियां चार्ज ( charge)हो जाएंगी। इसकी तस्दीक ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने भी की है। उन्होंने कहा कि सरकार सोलर एनर्जी से चलने वाले इलेक्ट्रिक( electric) हाईवेज बनाने पर काम कर रही है।
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इलेक्ट्रिक हाईवे ऐसे हाईवे होते हैं, जिनमें कुछ इक्विपमेंट्स के जरिए ऐसा सिस्टम होता है, जिससे उनसे गुजरने वाली गाड़ियां बिना रुके ही अपनी बैटरी चार्ज कर सकती हैं। इसके लिए हाईवे पर ओवरहेड वायर या रोड के नीचे से ही इलेक्ट्रिक फ्लो( electric flow) करने का सिस्टम( system) बना होता है।
पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां नहीं चार्ज होती
इलेक्ट्रिक हाईवे से केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चार्ज हो सकती हैं। इससे पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां नहीं चार्ज होती। इनसे हाइब्रिड गाड़ियां ( hybrid)भी चार्ज हो सकती हैं।
कैसे करेंगे इसमें काम ( how to work)
ओवरहेड पावर लाइन यानी रोड के ऊपर लगे इलेक्ट्रिक वायर का इस्तेमाल करके।रोड के अंदर ही पावर लाइन बिछाकर यानी ग्राउंड लेवल पावर सप्लाई के जरिए।
1. ओवरहेड पावर लाइन: इसमें रोड के ऊपर इलेक्ट्रिक वायर लगे होते हैं। जब इन वायर के नीचे से हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक गाड़ियां गुजरती हैं, तो गाड़ियों के ऊपर लगे पैंटोग्राफ इन वायर के संपर्क में आ जाते हैं। इससे करेंट का फ्लो वायर से उस गाड़ी में होने लगता है और उसकी बैटरी चार्ज हो जाती है।
भारत में कब और कैसे होगी शुरुआत
भारत में इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की योजना 2016 में ही शुरू हो गई थी। तब ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने कहा था कि जल्द ही भारत में भी स्वीडन की तरह इलेक्ट्रिक हाईवे होंगे।
भारत ने दुनिया के सबसे लंबे इलेक्ट्रिक हाईवे के निर्माण के लिए अटल हरित विद्युत राष्ट्रीय महामार्ग यानी AHVRM नामक योजना शुरू की है। इसके तहत सबसे पहले दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे और दिल्ली-आगरा यमुना एक्सप्रेसवे को इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने का प्रोजेक्ट चल रहा है।