ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट BA.4.6 के बारे में हम क्या जानते हैं?
- BA.4.6 ओमिक्रॉन के BA.4 वेरिएंट से ही आया है।
- पहली बार BA.4 वेरिएंट जनवरी 2022 में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, उसके बाद से यह BA.5 वेरिएंट के साथ ही दुनिया में कई जगह फैल रहा है।
- अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि BA.4.6 कैसे आया, लेकिन ऐसा मुमकिन है कि यह रीकॉम्बीनेंट वेरिएंट हो। इस तरह के वेरिएंट तब उत्पन्न होते हैं, जब एक ही व्यक्ति ओमिक्रॉन के दो वेरिएंट से संक्रमित हो जाए।
- BA.4.6 कई मायनों में BA.4 वेरिएंट की तरह ही होगा, यह स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन करता है, जो वायरस की सतह पर एक प्रोटीन है, जो इसे हमारी कोशिकाओं में प्रवेश करने की अनुमति देता है।
- यह उत्परिवर्तन, R346T, अन्य वेरिएंट्स में भी देखा गया है, जो इम्यूनिटी को चकमा देने का काम कर रहा है। यानी यह वैक्सीन और पहले हुए इन्फेक्शन से मिली एंटीबॉडीज़ को चकमा देने में वायरस की मदद करता है।
- अच्छी बात यह है कि ओमिक्रॉन के होने वाले संक्रमण आमतौर पर हल्की से मध्यम बीमारी का कारण बन रहे हैं। अभी तक ओमिक्रॉन की वजह से होने वाली मौतों का आकड़ा भी पहले के मुकाबले कम है।
- अभी तक इस वेरिएंट से जुड़े ऐसे लक्षण सामने नहीं आए हैं, जो गंभीर संक्रमण का कारण बन रहे हों।
- BA.4.6 प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में BA.5 की तुलना में और भी बेहतर लग रहा है। आपको बता दें कि BA.5 इस वक्त डॉमीनेंट वेरिएंट है।
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि जिन लोगों को फाइज़र की तीनों कोविड वैक्सीन लगी हैं, वे BA.4 या BA.5 की तुलना में BA.4.6 में कम एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं। जो एक चिंताजनक बात है, क्योंकि इससे यह पता चलता है कि BA.4.6 के खिलाफ वैक्सीन ज़्यादा कारगर नहीं हैं।
- BA.4.6 और दूसरे नए वेरिएंट्स का आना चिंताजनक है। हालांकि, वैक्सीन लगातार गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर रही हैं और कोविड के खिलाफ अभी तक का बेस्ट हथियार हैं।