भारत( india) में ऐसे कई मंदिर ( temple)हैं, जो अपनी अनोखी परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। क्योंकि भारत देश रीति रिवाज और परंपराओं का देश है। ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल के शिमला( shimla) है में है, जो अपनी अनोखी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में आस्था से जुड़े कुछ ऐसे रिवाज हैं जो हर किसी के लिए हैरान कर देने वाले हैं। यहां पति-पत्नी एकसाथ मंदिर नहीं जा सकते।
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मां दुर्गा के यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है। यहां मां दुर्गा का एक स्वरूप विराजमान है, जो श्राई कोटि के नाम से प्रसिद्ध हैं। मंदिर की यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है, जिसका अनुसरण सभी दंपति को करना पड़ता है। दरअसल इस अनोखी परंपरा के पीछे एक पौराणिक कथा है।
यह है पौराणिक कथा
कथा के अनुसार, एक दिन कार्तिकेय और गणेश से ब्रह्मांड के चक्कर लगाने के लिए कहा गया था। कार्तिकेयजी मोर पर सवार होकर ब्रह्मांड के चक्कर लगाने के लिए चले गए और गणेशजी चूहा पर सवार होकर अपने माता-पिता के सात चक्कर लगाकर कहा कि मेरे लिए आप दोनो के ही चरणों में ब्रह्मांड है।कार्तिकेयजी की प्रतिज्ञा से माता पार्वती रूष्ट हो गईं और उन्होंने कहा कि जो भी पति-पत्नी इस मंदिर में मेरे दर्शन करेंगे, उनको भविष्य में एक-दूसरे से अलग होना पड़ेगा।
क्या है सजा ( pnuishment)
वैसे तो पति-पत्नी अगर मां दुर्गा के दर्शन करें तो उनको सौभाग्य की प्राप्ति होती है लेकिन घने जंगलों के बीच बसे इस मंदिर में दर्शन करने पर उनकी शादी टूटने का भी डर रहता है। इसलिए यहां दंपति आते तो एकसाथ हैं लेकिन दर्शन अलग-अलग करना पड़ते हैं।