रायपुर। RAIPUR NEWS : राजधानी रायपुर में 17 सितंबर से 18 सितंबर तक राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) नई दिल्ली के सहयोग से ‘विकलांग महिलाओं के अधिकार, चुनौतियां और अवसर’ पर राष्ट्रीय स्तर की सेमिनार का आयोजन कर रहा है। इस सेमिनार का आयोजन एनआईटी रायपुर के डिपार्टमेंट ऑफ़ हयूमैनिटिज़ एंड सोशल साइंस तथा डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा किया जा रहा है। इस सेमिनार का उद्देश्य: विकलांग महिलाओं के आंतरिक और बाहरी अधिकारों, मौजूदा सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारणों, सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों और नीतियों, तथा सुधार के अवसरों का विश्लेषण करना है।
सेमिनार के प्रथम दिन की मुख्य अथिति छत्तीसगढ़ सरकार में महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग की कैबिनेट मंत्री अनिला भेंडिया तथा समारोह की विशिष्ठ अथिति ‘नेशनल अवार्ड फॉर एम्पावरमेंट ऑफ़ पर्सन्स विथ डिसैबिलिटीज’ से सम्मानित साधना ढांड, और हाफ ह्यूमन रोबो एवं पर्वतारोही चित्रसेन साहू रहे | एनआईटी रायपुर के निदेशक, डॉ. ए. एम. रावाणी आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक रहे । इस कार्यक्रम की सम्मानीय अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता, एम. रावाणी, एसडब्ल्यू (सीजी) विभाग के उप सचिव, राजेश तिवारी, समाज कार्य विभाग के संयुक्त निदेशक, पंकज वर्मा रहे ।
डिपार्टमेंट ऑफ़ हयूमैनिटिज़ एंड सोशल साइंस के विभागाध्यक्ष, डॉ. यू.के. देवांगन तथा डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष, डॉ. राकेश त्रिपाठी कार्यक्रम के लिए संयोजक हैं। कार्यक्रम के वक्ता एम्स रायपुर के डॉक्टर, डॉ. लोकेश के. सिंह, एचएनएलयू रायपुर के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ दीपक के. श्रीवास्तव रहे | इस कार्यक्रम कार्यक्रम की समनव्यक् एनआईटी रायपुर की सहायक प्रोफेसर, डॉ. मृदु साहू तथा, एनआईटी रायपुर की सहायक प्रोफेसर, डॉ. मोक्षा सिंह हैं। एनआईटी रायपुर के डीन एकेडेमिक्स, डॉ. श्रीश वर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित रहें।
सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और उसके बाद राष्ट्रगान हुआ। फिर एनआईटी रायपुर के नृत्यम- द डांस क्लब और रागा- द म्यूज़िक क्लब द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए गए। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांगजनों द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों और पेंटिंग्स का भी प्रदर्शन किया गया | राकेश सिंह ठाकुर ने सांकेतिक भाषा के द्वारा बधिर बच्चों को कार्यक्रम समझने मैं मदद की |
इसके पश्चात, डॉ. ए. एम. रावाणी ने महिलाओं की कठिनाइयों पर जोर देते हुए भाषण दिया और इस सेमिनार के आयोजन के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्य अतिथि अनिल भेंडिया का भी धन्यवाद और स्वागत किया।
इसके बाद, राजेश तिवारी ने दर्शकों को एनआईटी और आईआईटी जैसे संस्थानों में विकलांगों के लिए ‘स्टैंडिंग व्हीलचेयर’ जैसे वर्तमान नए नवाचारों के बारे में बताया। उन्होंने महिलाओं के द्वारा बनाई गयी कलाकृतियों की सराहना की और अपने संगठन के माध्यम से कलाकृतियों का प्रचार एवम वितरण करके उन्हें आर्थिक रूप से समर्थन देने की बात कही।
अनिला भेंडिया ने अपने भाषण में विकलांग महिलाओं को उनके दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियों पर बात की और उल्लेख किया कि कैसे उनका संगठन विभिन्न एनजीओ को सहायता प्रदान करके विकलांग महिलाओं की मदद करता है। तत्पश्चात चित्रसेन साहू ने इस आयोजन के लिए एनआईटी रायपुर को धन्यवाद देते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने फिजियोथेरेपी और रिहैबिलिटेशन जैसे उपचारों पर आम जनता की अनभिज्ञता पर प्रवचन दिया।
डॉ. लोकेश कुमार ने सांकेतिक भाषा अनुवादक को अपना काम लगन से करने के लिए धन्यवाद दिया और एक डिजिटल प्रस्तुति के माध्यम से विभिन्न अक्षमताओं के बारे में बात की। डॉ. दीपक के. श्रीवास्तव ने अपने व्याख्यान में विकलांग महिलाओं के अधिकारों पर प्रकाश डाला और उनके लिए न्याय और अधिकारिता के तरीकों के बारे में बात की।
सेमिनार के पहले दिन का समापन मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों द्वारा संस्थान के दौरे के साथ किया गया इस कार्यक्रम मैं विभिन्न संस्थाओं से 200 से अधिक दिव्यांगजन शामिल हुए , जिनकी जरूरतों का पूरा ध्यान एन आई टी के बच्चों के द्वारा रखा गया । सेमिनार का यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण भी किया गया ताकि संस्थान के बाहर के लोगो को भी इसका लाभ मिल सके।