
बालोद। CG NEWS : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने आज भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान संजारी-बालोद विधानसभा के ग्राम गुरुर में जनता से संवाद किया। जहाँ दुर्गा शक्ति समूह की सदस्य सुनीता निषाद से सीएम बघेल ने चर्चा कि – केवल केंचुआ पालने से भी लोगों के सपने सच हो सकते हैं, इस पर विश्वास करना कठिन है, लेकिन केवल 6 महीनों के भीतर अकलवारा गांव की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने यह सच कर दिखाया है। समूह की महिलाओं ने 2 लाख 88 हजार रुपये की कमाई केंचुआ बेचकर की है। खास बात है कि सभी महिलाओं ने अपनी आय को बच्चों को पढ़ाने में व्यय किया। दुर्गा शक्ति समूह की सदस्य सुनीता निषाद की बिटिया प्रियंका का बीसीए पढ़ने का सपना सच हुआ है।
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कोरोना काल में केंचुआ का उत्पादन होता रहा और इसकी बिक्री होती रही। इससे समूह के तीन सदस्यों ने अपने बच्चों के लिए मोबाइल खरीद लिया ताकि उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई जारी रख सकें। एक दीदी के घर में शादी की वजह से कर्ज हो गया था। एक दीदी ने अपने बेटे के लिए बाइक खरीदने में मदद की।
गौठान नहीं होता, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाएं नहीं होती
सुनीता ने बताया कि समूह ने 18 क्विंटल केंचुए का उत्पादन किया है और इसकी बिक्री 5 ब्लॉक में की है इससे समूह को 2 लाख 88 हजार रुपये की आय हुई है। इसके अलावा गोबर के माध्यम से ही 1 लाख 29 हजार रुपये का वर्मी खाद से आय अर्जित की है। साथ ही यह महिलाएं 24 हजार रुपये का फिनाइल बेच चुकी हैं।
सुनीता ने बताया कि साथ ही अन्य गतिविधियों के लिए भी उनके पास पर्याप्त समय है जैसे कोरोना काल में उन्होंने आपदा को भी अवसर के रूप में बदल दिया। उन्होंनेे बताया कि गौठान नहीं होता, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की योजनाएं नहीं होती तो उनके बड़े-बड़े सपने सच नहीं होते। सफलता मिलती है तो आगे की उम्मीद भी बढ़ जाती है। वे आगे की योजना बना रही हैं। उन्होंने सोचा है अब मसाला और पिराई का काम शुरू करेंगी।
अण्डे व्यवसाय से हुई एक लाख रूपए की आमदनी
लक्ष्मी साहू को व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए डीएमएफ से सहयोग दिया गया। साहू के लगन और मेहनत की बदौलत अंडे का उत्पादन का व्यवसाय प्रारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि अंडा बेचकर उसने अब तक 1 लाख रुपये कमा चुकी हैं।